कनाडा जाने वाले स्टूडेंट के लिए झटका!, ट्रूडो सरकार ने बंद की SDS सर्विस
भारत और कनाडा के रिश्तों सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं. कनाडा लगातार भारतीय राजनायिकों की निगरानी कर रहा है. इस पर भारत सरकार ने चिंता भी जाहिर की है. इस बीच केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि कनाडा ने स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) सेवा को बंद कर दिया है. इससे स्टूडेंट को जल्दी वीजा मिल जाता था.
भारत और कनाडा के बीच रिश्तों की बात किसी से छिपी नहीं है. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा ने भारत पर लगाया है. इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते लगातार तल्ख होते चले गए. हाल ही में कनाडा ने स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) सेवा को बंद कर दिया है. सरकार से जब संसद में इस बारे में सवाल पूछा गया तो सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि कनाडा सरकार ने इस साल आठ नवंबर को ‘‘स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम’’ (एसडीएस) कार्यक्रम समाप्त कर दिया.
सिंह ने अपने उत्तर में कहा कि 2018 में शुरू किए गए एसडीएस कार्यक्रम के अनुसार, कनाडा सरकार ने पात्र अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अध्ययन परमिट आवेदन प्रक्रिया को ‘फास्ट-ट्रैक’ करने की अनुमति दी. उन्होंने कहा, ‘हालांकि, ‘‘फास्ट-ट्रैकिंग’’ प्रक्रिया में एक वर्ष की ट्यूशन फीस का अग्रिम भुगतान करने, धन के प्रमाण के रूप में 20,635 डॉलर का अनिवार्य गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र प्रदान करने और भाषा प्रवीणता स्तरों को पूरा करने जैसी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करना शामिल था।’
मंत्री ने कहा कि आठ नवंबर, 2024 को कनाडा सरकार ने ‘एसडीएस कार्यक्रम को समाप्त कर दिया.’ सिंह से यह भी पूछा गया कि क्या सरकार ने इस योजना को वापस लेने और रद्द करने के कारण कनाडा में अध्ययन करने के इच्छुक भारतीय छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए कोई योजना बनाई है. इस पर मंत्री ने कहा कि एसडीएस योजना के रद्द होने के बाद, सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अब कनाडा में अध्ययन करने के लिए ‘नियमित अध्ययन परमिट’ के लिए आवेदन करना होगा.
मंत्री ने बताया कि नियमित व्यवस्था के तहत अब विद्यार्थियों को एक वर्ष की पूरी ट्यूशन फीस अग्रिम रूप से नहीं देनी होगी, बल्कि उन्हें केवल छह महीने की फीस देनी होगी तथा यह दिखाना होगा कि उनके पास अपने जीवन-यापन के खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि है.सिंह ने कहा कि इससे छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया अधिक किफायती हो जाएगी, विशेषकर उन छात्रों के लिए जो पहले अधिक महंगी एस.डी.एस. आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ थे.