CM सिद्धारमैया ने खटखटाया HC का दरवाजा, मुडा मामले में राज्यपाल के आदेश को दी चुनौती

CM सिद्धारमैया ने शनिवार को कथित मैसूर भूमि घोटाला मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया है. उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत के उस आदेश को चुनौती दी है है जिसमें उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी है. बता दें कि, राज्यपाल ने बीते दिनों मूडा के कथित भूमि घोटाले में सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कैबिनेट की राय मांगी थी.

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मैसूर भूमि घोटाला मामले में राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है. राज्यपाल गहलोत ने शनिवार को लोकायुक्त को कथित भूमि घोटाला मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी. गवर्नर के फैसले पर CM सिद्धारमैया अपनी नाराजगी जताते हुए कहा था कि राज्यपाल का फैसला पूरी तरह से असंवैधानिक है, हम इसे कानूनी रूप से चुनौती देंगे.

सामाजिक कार्यकर्ता टीजे अब्राहम, मैसूर की स्नेहामई कृष्णा और बेंगलुरु के प्रदीप कुमार एसपी ने अभियोजन की मंजूरी मांगी थी. बार एंड बेंच के अनुसार, अब्राहम ने जुलाई में मंजूरी मांगी थी और राज्यपाल ने इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

CM सिद्धारमैया ने लगाया विपक्ष पर आरोप

CM सिद्धारमैया ने इस मामले (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) में भाजपा और जेडीएस पर झूठा आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया है. उन्होंने ये भी कहा कि यह उनकी चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए विपक्ष द्वारा रची गई साजिश है. 'पूरा मंत्रिमंडल मेरे साथ है. पूरा हाईकमान मेरे साथ है, सभी विधायक और एमएलसी मेरे साथ खड़े हैं' उन्होंने ये भी कहा कि राज्यपाल इस सरकार को बर्दाश्त नहीं पा कर रहे हैं इसलिए हटाने की कोशिश कर रहे हैं.

क्या है मामला

दरअसल ये मामला MUDA स्कैम मामले का है. सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को उनके भाई मल्लिकार्जून ने मैसूर जिले के कैसारे गांव में कुछ जमीन गिफ्ट में दिए थे. बाद में यह जमीन को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) ने अधिग्रहित कर ल‍िया और इसके बदले विजयनगर इलाके में 38,223 वर्ग फीट का प्लॉट दे दिया. अब कहा जा रहा है कि इस जमीन का दाम उनकी गांव की जमीन के से ज्यादा है. इसी को लेकर सिद्धारमैया भ्रष्टाचार के आरोप में घिर गए हैं. First Updated : Monday, 19 August 2024