Sidhu Moose Wala Case: अजरबैजान से भारत लाया गया सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का आरोपी सचिन विश्नोई, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की बड़ी कामयाबी
Sidhu Moose Wala Case: बीते दिनों अजरबैजान के लिए रवाना हुई दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने देश की जेल में बंद गैंगस्टर लॅारेंस विश्नोई के भतीजे सचिन विश्नोई को गिरफ्तार कर भारत लेकर आई है.
हाइलाइट
- सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में था मुख्य साजिशकर्ता
- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अज़रबैजान से गिरफ्तार किया
- दिल्ली से फर्जी पास्पोर्ट बनवाकर हुआ था फरार
Sidhu Moose Wala Murder Case: मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में कथित मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक सचिन थापन उर्फ सचिन विश्नोई को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल द्वारा अजरबैजान के बाकू से भारत लाया गया है. बीते दिनों अजरबैजान के लिए रवाना हुई दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने देश की जेल में बंद गैंगस्टर लॅारेंस विश्नोई (Lawrence Bishnoi) के भतीजे सचिन विश्नोई को गिरफ्तार कर भारत ले आई है. सचिन विश्नोई मूसेवाला हत्याकांड की प्लानिंग में अहम रोल निभाया था.
फर्जी पास्पोर्ट बनवाकर हुआ था फरार
बता दें कि सचिन बिश्नोई सिद्धू मूसेवाला की हत्या के कुछ दिन पहले दिल्ली से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर फरार हो गया था. अब सचिन के भारत आने पर कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है. गैंगस्टर सचिन विश्नोई को हाल ही में अजरबैजान से गिरफ्तार किया गया था. सचिन भारत में रहकर ही मूसेवाला हत्याकांड की प्लानिंग की और फिर दिल्ली से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर अजरबैजान भाग गया था.
सचिन को जब अजरबैजान से गिरफ्तार किया गया, तब उसके पास से फर्जी पासपोर्ट भी मिला था. दरअसल, सचिन अपना पूरा नाम सचिन थापन लिखता है, जबकि उसके पास से तिलक राज टूटेजा के नाम का पासपोर्ट बरामद किया गया है. सचिन के पिता का असली नाम शिव दत्त है, जबकि फर्जी पासपोर्ट में उसके पिता का नाम भीम सेन लिखा हुआ था
Accused in the Sidhu Moosewala murder case Sachin Bishnoi alias Sachin Thapan extradited to India from Baku, Azerbaijan by Delhi Police Special Cell. pic.twitter.com/bWOu24Q9PH
— ANI (@ANI) August 1, 2023
लारेंस विश्नोई के प्रमुख सहयोगी को NIA ने किया था गिरफ्तार
एनआईए (NIA) ने लॅारेंस विश्नोई के ही प्रमुख सहयोगी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ को संयुक्त अरब अमीरात से निकाले जाने के बाद गिरफ्तार किया था. बराड़ सिद्धू मूसेवाला की हत्या के अलावा निर्दोष लोगों और व्यापारियों की टारगेट किलिंग में शामिल था. स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट के एक ACP और 2 इंस्पेक्टर समेत करीब 4 अधिकारियों की टीम अजरबैजान निकली थी.