Threat to kill Dhirendra Krishna Shastri: हाल ही में, हिन्दू समाज की एकजुटता को लेकर 9 दिवसीय पदयात्रा निकालने वाले बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को जान से मारने की धमकी मिली है. यह धमकी सिख कट्टरपंथी नेता बरजिंदर परवाना ने दी है, जिसके बाद उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है.
सिख कट्टरपंथी नेता बरजिंदर परवाना ने यह धमकी भरे मंच से दी. उनका कहना था, “बाबा नोट कर ले, आज से तेरी उल्टी गिनती शुरू हो गई है. तुझे भी मार डालेंगे.” परवाना ने इस बयान में बागेश्वर बाबा के एक कथित बयान को लेकर नाराजगी जताई. इसके बाद उन्होंने कहा, “हरमंदिर साहिब तो दूर, अमृतसर आकर दिखा. तू आ तो सही, तुझको भी मार डालेंगे.” यह धमकी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और इसने व्यापक बहस छेड़ दी.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बयान एक धार्मिक संदर्भ में था. 18 मार्च को उन्होंने मुरादाबाद में कहा था कि हरिहर मंदिर में रुद्राभिषेक होना चाहिए और वहां जल्द पूजा शुरू होनी चाहिए. उनका यह बयान संभल के हरिहर मंदिर को लेकर था, लेकिन सिख कट्टरपंथी नेता बरजिंदर परवाना ने इसे गोल्डन टेंपल यानी अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के संदर्भ में समझ लिया. यही गलतफहमी विवाद का कारण बनी.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को धमकी देने के बाद शिवसेना पंजाब के प्रमुख अवतार मौर्य, पंजाब यूथ प्रमुख अजय गुप्ता और जिला प्रवासी सेल के प्रमुख सोहनलाल ने इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई. इन नेताओं का कहना था कि बरजिंदर परवाना ने न केवल बागेश्वर बाबा को धमकी दी, बल्कि उन्होंने पंजाब में माहौल खराब करने की कोशिश भी की है.
इसके अलावा, एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया और विश्व हिंदू तख्त के प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने भी परवाना की गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर 48 घंटे में परवाना को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे.
बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस पूरे विवाद पर कहा कि उनका बयान किसी भी तरह से किसी धार्मिक स्थल को लेकर अपमानजनक नहीं था. उनका उद्देश्य केवल धार्मिक एकता को बढ़ावा देना था. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बयान सिर्फ हरिहर मंदिर के लिए था, न कि किसी अन्य धार्मिक स्थल के लिए.
यह विवाद फिलहाल राजनीतिक और धार्मिक हलकों में गर्म बहस का कारण बन चुका है. बागेश्वर बाबा को जान से मारने की धमकी देना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है. कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए. साथ ही, यह भी जरूरी है कि धार्मिक बयानबाजी के दौरान समझ और संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाए, ताकि किसी तरह के विवाद से बचा जा सके. First Updated : Tuesday, 03 December 2024