आ गई हाथरस हादसे पर SIT की रिपोर्ट, जान लिजिए 121 लोगों की मौत की वजह!
Hathras Satsang Hadsa: हाथरस हादसे में एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. इसमें बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ को लापरवाही और बदइंतजामी का नतीजा बताया गया है. कार्यक्रम की परमिशन लेते समय आयोजन समिति ने अपने स्तर पर पूरे इंतजाम मुकम्मल करने का आश्वासन दिया था. आने वाली भीड़ को सड़क पर नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन की मदद मांगी थी.
Hathras Satsang Hadsa: हाथरस कांड के बाद पुलिस नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा की तलाश कर रही है. हादसे के बाद से कथित भोले बाबा फरार है. उसकी तलाश में पुलिस ने विभिन्न जिलों में उसके आश्रमों पर भी छापेमारी की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. ऐसे में हाथरस भगदड़ की जांच कर रही उत्तर प्रदेश सरकार की एसआईटी ने अब तक 90 बयान दर्ज किए हैं.
पैनल के प्रमुख अनुपम कुलश्रेष्ठ जो अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) भी हैं, तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे हैं, जो 2 जुलाई को यहां सत्संग के बाद मची भगदड़ पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी. एडीजी कुलश्रेष्ठ ने कहा, "अब तक 90 बयान दर्ज किए गए हैं. प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी गई है, जबकि विस्तृत रिपोर्ट पर काम चल रहा है."
भीड़ हुई थी अनियंत्रित
SIT ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हाथरस के सत्संग में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं में नए श्रद्धालु ज्यादा थे, जो बाबा को देखने के लिए बढ़े, इसी दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई. भीड़ को सड़क पर नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन की मदद मांगी गई थी.
अफसर स्थिति का आकलन करने में फेल
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि अनुमति देने के दौरान LIU की रिपोर्ट में बाबा के सत्संग में सेवादारों की ओर से ही पूरे इंतजाम करने की बात कही गई थी. स्थानीय अफसरों ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा नहीं लिया. बाबा का सत्संग शुरू होने के बाद लगातार भीड़ आती रही, फिर भी मौके पर मौजूद अफसर स्थिति का आकलन करने में फेल हुए.
शर्तों का हुआ था उल्लंघन
आगे कहा गया है कि सत्संग स्थल पर जो पुलिसबल तैनात किया गया था, उसमें से कुछ पुलिसकर्मी ही सत्संग के बाहर लगाए गए थे. ज्यादातर फोर्स सड़क पर भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक मैनेजमेंट में ही लगी हुई थी, ताकि हाईवे जाम ना हो. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए आयोजन समिति के लोगों को तथ्य छुपाने का जिम्मेदार ठहराया है. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में हादसे में साजिश के लिए पुलिस की जांच और आयोजनकर्ताओं से गहन पूछताछ को जरूरी बताया है.