LAC पर हालात सामान्य, लोकसभा में बोले एस जयशंकर- चीन से बातचीत जारी लेकिन...

LAC पर हालात को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को लोकसभा में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दोनों देश रिश्ते सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं. ब्रिक्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

संसद के शीतकालीन सत्र का आज सातवां दिन है. छह दिन संसद ठप होने के बाद सातवें दिन कार्यवाही जारी है. लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि LAC पर हालात सामान्य हैं. गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने थीं. चीन के साथ रिश्ते सामान्य करने पर हमारी बातचीत जारी है. उन्होंने कहा कि LAC पर तनाव की वजह से हमारे रिश्ते खराब हुए थे.

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के संबंध 2020 से असामान्य थे, जब चीन की कार्रवाइयों की वजह से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बाधित हुई. पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई 2020 में चीन के सैनिकों के जमा होने से कई बिंदुओं पर टकराव की स्थिति बनी थी.  विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि गलवान वैली में जून 2020 में हुए तनाव के बाद चीन और भारत में काफी तनाव हो गया था. इसके बाद दोनों देशों की तरफ से सेना की तैनाती की गयी थी. 

विदेश मंत्री ने सेना को दिया श्रेय

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, एलएसी पर बहाली का पूरा श्रेय हमारे देश की सेना को जाता है। उन्होंने बताया कि, भारत और चीन के बीच सहमति बनी है कि यथास्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं किया जाएगा और साथ ही दोनों देशों के बीच पुराने समझौतों का पालन किया जाएगा. सीमा पर शांति के बिना भारत-चीन के संबंध सामान्य नहीं रह सकते. गलवान की घटना के बाद एलएसी पर जारी तनातनी का उल्लेख करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि तब पैट्रोलिंग बंद थी.

कूटनीति के जरिए सामान्य हुए हैं हालात

विदेश मंत्री ने संसद में कहा कि निरंतर कूटनीति के जरिए दोनों देशों के संबंधों में कुछ सुधार किया है. उन्होंने कहा कि पहले की घटना के परिणामस्वरूप चीन ने अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है. इसके अलावा, पाकिस्तान ने 1963 में अवैध रूप से 5,180 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया था. 

एस.जयशंकर ने भारत-चीन संबंधों पर बात की

एस.जयशंकर ने कहा, "2005 में सीमा विवाद के समाधान के लिए राजनीतिक मापदंडों और मार्गदर्शक सिद्धांतों पर सहमति बनी थी. 2012 में WMCC की स्थापना की गई और एक साल बाद हम सीमा विवाद सहयोग पर पहुंचे. इस समझौते को याद करने का मेरा उद्देश्य शांति और सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए हमारे साझा प्रयासों की विस्तृत प्रकृति को रेखांकित करना है और यह बताना है कि 2020 के बाद हमने क्या-क्या किया है."

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03 December 2024, 02:28 PM IST

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