स्लम से सक्सेस! पापा की परी अमिता बनी CA, लोग कहते थे उल्टी खोपड़ी; पढ़ें उड़ान की कहानी
Success Story: सपने बड़े हो तो हालात मायने नहीं रखते हैं. मंजिल की ओर बढ़ते जाइये कामयाबी एक रोज मिल ही जाएगी. ऐसे ही कुछ लोगों की कहानी मिसाल बन जाती है जो हालातों से लड़ रहे लोगों के लिए बूस्टर की तरह काम करती है. ऐसी ही कहानी है झुग्गी-झोपड़ी में पली-बढ़ी अमिता प्रजापति की जो तमाम मुश्किलों से लड़ते हुए आज CA बन गई है. आइये जानें इनके उड़ान की कहानी
Success Story: कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो तमाम मुश्किलों के बावजूद कामयाबी मिल ही जाती है. कुछ ऐसी ही कहानी है झुग्गी-झोपड़ी में पली-बढ़ी अमिता प्रजापति की जो अब CA बन गई है. अमिता ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर अपनी कहानी शेयर की है और बताया कि लोग उसे झोपड़ी की उल्टी खोपड़ी कहते थे. खैर अमिता ने पहले बार पापा को गले लगाया और वीडियो शेयर करते हुए अपनी स्लम से सक्सेस की कहनी और उस दौरान आई चुनौतियों के बारे में बताया. आइये जानें अमिता के उड़ान की कहानी.
चार्टर्ड अकाउंटेंट अमिता प्रजापति की कहानी दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और विश्वास की कहानी कहती है. कैसे चाय बेचने वाले की लड़की जो झुग्गी-झोपड़ी में रहती थी वो चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गई. अमिता प्रजापति की स्टोरी से ये सीख भी मिलेगी कि समाज के तानों और सुझावों के बाद भी कैसे अपनी मंजिल का रास्ता तय किया जाता है.
निकल आए आंसू
अमिता प्रजापति दिल्ली में रहती हैं और यहां उनके पिता चाय की दुकान चलाते हैं. बचपन से हो वो अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए आगे रहे हैं. इस बीच लोगों ने उन्हें सलाह दी की घर बनवा लो कबतक अपनी बेटियों के साथ सड़क पर रहोगे लेकिन उन्होंने एक न सुनी. अमिता के पिता को बेटी पर भरोसा था और आज वो सबके सामने आ गया है. चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के बाद अमिता ने पिता को गले लगाया. इस दौरान दोनों के आंसू निकल आए.
पिता के कंधे से कंधा मिलाया
अमिता हमेशा पढ़ाई लिखाई में आगे रही हैं लेकिन वो कभी भी असाधारण नहीं थीं. हालांकि, गरीब पृष्ठभूमि से उठकर अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर करने के उनके सपने बड़े थे. अमिता स्कूल के काम निपटाने के बाद चाय की दुकान पर अपने पिता की मदद करती थी. रात में घर लौटने के बाद केरोसिन की चिमनी में पढ़ाई करती थी. पिता का साथ मिलने से उन्हें और अधिक आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली.
शेयर की अपनी कहानी
लंबे संघर्ष के बाद अमिता ने 11 जुलाई 2024 को अपनी सीए परीक्षा पास कर ली. इसके बाद वो अपने पिता ले लिपट कर आभार जताने लगीं तो दोनों के आंसू निकल आए. अमिता ने सोशल मीडिया पर अपनी कहानी शेयर की है. आइये जानें उनका कहानी उन्हीं की जुबानी.
अमिता ने लिखा '10 साल लग गए. हर रोज खुद से पूछती थी ये सपना ही है या कभी सच भी होगा. आखिरकार 11 जुलाई 2024 को ये सच हो गया. लोग कहते थे क्यों करवा रहे हो इतना बड़ा कोर्स, तुम्हारी बेटी नहीं कर पाएगी. कहते थे पैसा बचाकर घर बना लो कब तक जवान बेटियों को लेकर सड़क पे रहोगे. लेकिन मेरे पापा ने किसी की एक नहीं सुनी.'
अमिता ने आगे लिखा मैं स्लम में रहती हूं. मुझे कोई शर्म नहीं है. कुछ मुझे झुग्गी की उल्टी खोपड़ी कहते थे. हां, सच है उल्टी खोपड़ी नहीं होती तो क्या आज यहां पहुंचती. अब इस लायक हू के अपने पापा को घर बनवा के दे सकती हूं. उनकी सारी ख्वाहिशें पूरी कर सकती हूं. पहली बार पापा को गले लगा कर रोई ये सुकून है. इस पल के लिए बहुत ज्यादा इंतजार किया खुली आंखो से इस सपने को इमेजिन करती थी आज कैप्चर हुई है.