स्वतंत्रता दिवस से पहले जवान ने दी जान की कुर्बानी, डोडा मुठभेड़ में कैप्टन शहीद

Jammu and Kashmir: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकवाद संबंधी घटनाओं पर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई. इस बीच जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एनकाउंटर चल रहा है. इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन शहीद हो गए. ये जानकारी सेना की ओर से दी गई है. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि चार आतंकवादियों के मारे जाने की आशंका है.

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Jammu and Kashmir: देश में आतंकी गतिविधियां काफी ज्यादा बढ़ गई है. इस बीच आज जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सेना और आतंकवादियों के बीच एक गंभीर मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में 48 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन शहीद हो गए. यह घटना क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंता का विषय बनी हुई है. इस मुठभेड़ में चार आतंकवादियों के मारे जाने की भी खबर है.

डोडा जिले के एक गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद भारतीय सेना ने अभियान शुरू किया. सेना ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया और आतंकवादियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया. जैसे ही सेना ने आतंकवादियों को घेरने की कोशिश की, आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. इस दौरान भारी मुठभेड़ हुई जिसमें सेना के कप्तान अपनी बहादुरी और साहस से लड़ते हुए शहीद हो गए.

शहीद कप्तान की बहादुरी

शहीद कैप्टन दीपक सिंह  ने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकवादियों से मुकाबला किया और अपने कर्तव्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. उनकी बहादुरी और बलिदान ने न केवल उनके साथियों को प्रेरित किया, बल्कि पूरे देश को भी गर्व महसूस कराया. 

आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई

मुठभेड़ के बाद सेना ने इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रखा है. आतंकवादियों की खोजबीन के लिए अतिरिक्त बलों को भी भेजा गया है. सेना का उद्देश्य है कि जल्द से जल्द आतंकवादियों को गिरफ्तार किया जाए ताकि क्षेत्र में शांति बहाल की जा सके.

समाज और परिवार का समर्थन

इस दुखद घटना से शहीद कप्तान के परिवार और समाज में शोक की लहर है. भारतीय सेना और पूरे देश ने उनके बलिदान को सम्मानित किया है और उनके परिवार को समर्थन प्रदान किया है.


First Updated : Wednesday, 14 August 2024