डॉक्टर पर बेटे का खौ़फनाक हमला, 7 बार चाकू से किया वार तमिलनाडु में हड़कंप

चेन्नई में एक बेटे ने अपनी मां के इलाज से नाराज होकर डॉक्टर पर हमला कर दिया. आरोपी ने डॉक्टर को सात बार चाकू से घोंपा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया और डॉक्टरों ने हड़ताल की धमकी दी. इस हमले ने अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं. आखिर क्या वजह थी कि बेटे ने ऐसा कदम उठाया पूरी खबर पढ़ें और जानें कैसे डॉक्टर की जान बचाई गई और अब सरकार इस पर क्या कदम उठा रही है.

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Chennai: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक दिल दहला देने वाली घटना ने चिकित्सा क्षेत्र में हलचल मचा दी है. यहां एक बेटे ने अपनी मां के इलाज से नाखुश होकर डॉक्टर पर चाकू से हमला कर दिया. इस हमले में डॉक्टर बालाजी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज अब जारी है. हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अस्पताल के डॉक्टरों ने इसे लेकर आक्रोश जाहिर करते हुए हड़ताल की चेतावनी दी है.

हमले का कारण अभी भी अस्पष्ट

यह घटना कलैगनार सेंटेनरी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में घटी, जहां एक महिला मरीज भर्ती थी. महिला के बेटे, विग्नेश ने डॉक्टर पर हमला किया, क्योंकि उसे अपनी मां के इलाज से असंतोष था. बुधवार को जब डॉक्टर बालाजी और विग्नेश के बीच बातचीत हो रही थी, अचानक आरोपी बेटे ने चाकू से हमला बोल दिया. विग्नेश ने डॉक्टर के शरीर के कई हिस्सों—गर्दन, कान के पीछे, छाती, माथे, पीठ, सिर और पेट—पर सात बार चाकू से वार किया. इस हमले से डॉक्टर बालाजी का खून काफी बह गया और उनकी हालत गंभीर हो गई.

हस्पताल स्टाफ ने बचाई डॉक्टर की जान

चिल्लाने की आवाजें सुनकर अस्पताल के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को पकड़ लिया. दरवाजा अंदर से बंद होने की वजह से कर्मचारियों को पहले कोई मदद नहीं मिल पाई, लेकिन बाद में कर्मचारियों और सुरक्षा गार्ड की मदद से डॉक्टर को बाहर निकाला गया और तुरंत अस्पताल में इलाज शुरू किया गया. डॉक्टर की सर्जरी की गई और उन्हें दो यूनिट खून चढ़ाया गया. उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है, हालांकि अभी भी वे खतरे से बाहर नहीं हैं.

डॉक्टरों में रोष, सरकार से सुरक्षा की मांग

इस घटना ने डॉक्टरों के बीच गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है. सरकारी डॉक्टरों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और हड़ताल की चेतावनी दी है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने डॉक्टरों से बातचीत करने का आश्वासन दिया है. वहीं, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और आरोपी को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी.

हमले के बाद सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम किए जा रहे हैं. डॉक्टरों के लिए काम करना एक जोखिम बनता जा रहा है, क्योंकि ऐसे हमलों से न केवल उनकी जान को खतरा होता है, बल्कि उनका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है. डॉक्टर्स की मेहनत और उनके समर्पण के बावजूद जब उन्हें इस तरह की हिंसा का सामना करना पड़ता है, तो यह सवाल उठता है कि क्या मरीजों और उनके परिवारों को इलाज में संतुष्टि के लिए सही तरीके से संवाद और समझाइश की बजाय हिंसा का सहारा लेना चाहिए.

मुख्यमंत्री का बयान

सीएम एमके स्टालिन ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सरकारी डॉक्टरों का योगदान अतुलनीय है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने इस घटना की शीघ्र जांच करने के निर्देश दिए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का वादा किया है. यह घटना न केवल चिकित्सा क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हम इलाज से जुड़े मामलों में संयम और समझदारी अपनाएं, और किसी भी विवाद का हल हिंसा से न निकालें.

First Updated : Wednesday, 13 November 2024