लेह से पैदल दिल्ली आ रहे थे सोनम वांगचुक, पुलिस ने हिरासत में लिया जानें क्या है मामला

Sonam Wangchuk detained: दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात शिक्षाविद और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत लगभग 150 लोगों को हिरासत में ले लिया. ये लोग लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के लिए लद्दाख से दिल्ली तक मार्च कर रहे थे. उन्हें सिंघु बार्डर पर हिरासत में लिया गया. पुलिस ने कहा कि शहर में निषेधाज्ञा लागू थी, इसलिए उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया. जब वे नहीं रुके, तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया.

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Sonam Wangchuk detained: दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात शिक्षाविद और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत लगभग 150 लोगों को हिरासत में ले लिया. ये लोग लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के लिए लद्दाख से दिल्ली तक मार्च कर रहे थे. उन्हें सिंघु बार्डर पर हिरासत में लिया गया. पुलिस ने कहा कि शहर में निषेधाज्ञा लागू थी, इसलिए उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया. जब वे नहीं रुके, तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया.

सोनम वांगचुक ने अपनी हिरासत की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की. उन्होंने लिखा कि लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए यात्रा कर रहे स्वयंसेवकों को हिरासत में लिया गया है.

कौन हैं सोनम वांगचुक? 

सोनम वांगचुक एक शिक्षाविद और जलवायु कार्यकर्ता हैं. उनका जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख के अलची में हुआ था. वे स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के संस्थापक हैं. उन्होंने 1993 से 2005 तक लद्दाख की एकमात्र प्रिंटिंग पत्रिका, लैंडेग्स मेलॉग, की स्थापना की और संपादक के रूप में काम किया. वांगचुक शिक्षा में सुधार के लिए 30 साल से काम कर रहे हैं.

जीवन पर बन चुकी है फिल्म

बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट सोनम वांगचुक के जीवन से प्रेरित है, जिसके बाद वे और अधिक चर्चा में आए। उन्होंने कई आविष्कार किए हैं, जैसे सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट और आर्टिफिशियल ग्लेशियर.

2019 से कर रहें हैं आंदोलन

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद, लद्दाख को बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, जिससे वहां के लोगों को स्वायत्तता में कमी महसूस हुई. लोग अब शासन में प्रतिनिधित्व, भूमि अधिकारों, और छठी अनुसूची के अलावा पूर्ण राज्य की मांग कर रहे हैं. यह आंदोलन 2019 से चल रहा है, और सोनम वांगचुक इसका नेतृत्व कर रहे हैं. वे पहले भी 21 दिन की भूख हड़ताल कर चुके हैं.

लद्दाख को राज्य का दर्जा देने का वादा

बीजेपी ने 2019 के चुनावी घोषणापत्र में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने का वादा किया था. इसके अलावा, केंद्र सरकार ने 26 अगस्त को घोषणा की कि लद्दाख में 5 नए जिले बनाए जाएंगे. नए जिलों के नाम ज़ांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा, और चांगथांग रखे गए हैं. यह कदम आंदोलन को ध्यान में रखकर उठाया गया माना जा रहा है. First Updated : Tuesday, 01 October 2024