नई दिल्ली: संसद में अब तक का मानसून सत्र मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) का भेंट चढ़ गया है. इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच जंग छिड़ चुका है. विपक्ष का मांग है कि प्रधानमंत्री मणिपुर की घटना को लेकर राज्यसभा और लोकसभा दोनों में सदनों में बयान दें. वहीं केंद्र सरकार भी इस मुद्दे पर संसद में बोलने से बच रही है. इसी मांग को लेकर विपक्ष संसद के बाहर धरना पर बैठा है. इसी कड़ी में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बुधवार को संसद में मणिपुर मुद्दे से निपटने के विपक्ष के तरीके पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की सराहना की.
इस कदम को दोनों पार्टियों के बीच नई दोस्ती के ताजा संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो सबसे अच्छे दोस्त नहीं थे. इंडिया (INDIA) गठबंधन के सदस्य संसद के बाहर डेरा डाले हुए हैं और मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बयान दें. कल रात उन्होंने गांधी प्रतिमा के पास मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया.
'मेरा समर्थन आपके साथ है'
आप सांसद संजय सिंह ने बातचीत का एक वीडियो ट्वीट किया. जिसमे उन्होंने लिखा कि "कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने मुलाकात की और मणिपुर हिंसा के खिलाफ टीम इंडिया द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन पर कहा, "मेरा समर्थन आपके साथ है." सांसद संजय सिंह मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान मानसून सत्र के शेष सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित है और वह धरने का नेतृत्व कर रहे हैं.
भारी बारिश के बीच धरने को जारी रखते हुए उन्होंने ट्वीट किया, "विरोध का दूसरा दिन, भारी बारिश! शायद भगवान भी मणिपुर की हालत पर रो रहे हैं. सवाल सिर्फ एक मणिपुर पर है, मोदी जी संसद में कब बोलेंगे?" उन्होंने पहले ट्वीट किया था. उनके साथ आप और अन्य विपक्षी दलों के सांसद भी शामिल थे, जिनमें से कई को "मणिपुर के लिए भारत" तख्तियां पकड़े देखा गया. प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने संजय सिंह की उपर लगे निलंबन को हटाने की भी मांग कर रहे हैं.
विपक्ष की मांग को पूरा करने के लिए सरकार तैयार नहीं
मणिपुर के हालात पर सदन को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री की विपक्ष की मांग को पूरा करने के लिए सरकार तैयार नहीं है. सूत्रों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब पूर्वोत्तर राज्य में भयानक हिंसा देखी जा रही है. लेकिन 1993 और 1997 में जब हिंसा हुई थी तब किसी भी प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा नहीं किया था. संसद में इस पर चर्चा नहीं हुई थी और केवल एक बार गृह राज्य मंत्री ने बयान दिया था.
ऐसे में मणिपुर में स्थिति नियंत्रण में है और पिछले 15 दिनों में हिंसा में किसी की मौत नहीं हुई है. सूत्रों ने कहा कि सरकार अब स्पष्ट है कि मणिपुर की स्थिति पर केवल गृह मंत्री ही बोलेंगे. First Updated : Thursday, 27 July 2023