Women Reservation Bill: नए संसद के पहले दिन मंगलवार, 19 सितंबर को केंद्र द्वारा लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम के साथ कार्यवाही शुरू हुई. लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र द्वारा पेश किए गए इस बील पर बोलते हुए कहा कि यह बील कांग्रेस सरकार में पेश किया गया था. अधीर रंजन चौधरी के इस दावे के खिलाफ सत्ता पक्ष के सांसदों ने आपत्ति जताई. वहीं अब इस विधेयक पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधे हैं.
आज बुधवार, 20 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए सपा प्रमुख ने लिखा कि, नयी संसद के पहले दिन ही भाजपा सरकार ने ‘महाझूठ’ से अपनी पारी शुरू की है. जब जनगणना और परिसीमन के बिना महिला आरक्षण बिल लागू हो ही नहीं सकता, जिसमें कई साल लग जाएँगे, तो भाजपा सरकार को इस आपाधापी में महिलाओं से झूठ बोलने की क्या ज़रूरत थी.
'ये आधा-अधूरा बिला महिला आरक्षण का उपहास'
पूर्व सीएम ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि, भाजपा सरकार न जनगणना के पक्ष में है न जातिगत गणना के, इनके बिना तो महिला आरक्षण संभव ही नहीं है. ये आधा-अधूरा बिल ‘महिला आरक्षण’ जैसे गंभीर विषय का उपहास है, इसका जवाब महिलाएं आगामी चुनावों में भाजपा के विरूद्ध वोट डालकर देंगी.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने दिया बयान
लोकसभा में महिला आरक्षण पेश होने के बाद बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती का बयान भी सामने आया है. मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि नये संसद भवन में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल लाया जा रहा है जिसके पक्ष में बीएसपी को पूरी उम्मीद है कि इस बार यह महिला आरक्षण बिल जरूर पास हो जायेगा, जो कि यह काफी लंबे समय से लटका हुआ है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकसभा व राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बजाय उनकी आबादी को देखते हुए 50 प्रतिशत दिया जाता है तो हमारी पार्टी इसका तहेदिल से स्वागत करेगी, इस पर भी सरकार को जरूर सोच-विचार करना चाहिए. First Updated : Wednesday, 20 September 2023