SpaDeX: इतिहास रचने जा रहा है ISRO, हैंडशेक से महज 3 मीटर दूर सैटेलाइट्स

ISRO SpaDeX mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) मिशन में बड़ी सफलता हासिल की है. इसरो ने SDX01 (चेसर) और SDX02 (टारगेट) उपग्रहों के बीच 15 मीटर से 3 मीटर की दूरी तक डॉकिंग प्रक्रिया का सफल परीक्षण किया. यह उपलब्धि भारत को अंतरिक्ष में जटिल डॉकिंग तकनीकों में महारत हासिल करने वाले चुनिंदा देशों में शामिल करेगी, जो भविष्य के मिशनों जैसे अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर मानव मिशन के लिए महत्वपूर्ण होगी.

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ISRO SpaDeX mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) मिशन के तहत बड़ी उपलब्धि हासिल की है. रविवार को इसरो ने दो उपग्रहों के बीच डॉकिंग प्रक्रिया का परीक्षण किया, जिसमें उपग्रह SDX01 (चेसर) और SDX02 (टारगेट) ने 15 मीटर से 3 मीटर की दूरी तक पहुंचने का ट्रायल सफलता से पूरा किया. इसरो की यह उपलब्धि भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नई ऊंचाई तक ले जाने का संकेत है.

स्पैडेक्स मिशन के तहत भारत अब उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल होने की ओर अग्रसर है जो अंतरिक्ष में जटिल डॉकिंग तकनीकों में महारत हासिल कर चुके हैं. यह तकनीक भविष्य के मिशनों, जैसे कि अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और चंद्रमा पर मानव मिशन के लिए बेहद अहम होगी.

3 मीटर तक पहुंचा डॉकिंग ट्रायल

रविवार सुबह इसरो ने घोषणा की कि उनके दो उपग्रहों ने 15 मीटर से 3 मीटर की दूरी तक पहुंचने का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इसके बाद उपग्रहों को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया गया. इसरो ने बताया कि ट्रायल के दौरान प्राप्त डेटा का विश्लेषण किया जाएगा और उसके बाद डॉकिंग प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा.

भारत के लिए महत्वपूर्ण कदम

इसरो ने 30 दिसंबर को PSLV-C60 रॉकेट के माध्यम से SDX01 (चेसर) और SDX02 (टारगेट) नामक दो छोटे उपग्रहों को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया. 220 किलोग्राम वजन वाले इन उपग्रहों को 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया गया. स्पैडेक्स मिशन अंतरिक्ष में डॉकिंग की तकनीक को कम लागत में प्रदर्शित करने का एक प्रयास है.

भारत बनेगा चौथा देश

स्पैडेक्स परियोजना के सफल प्रदर्शन के बाद, भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल की है. यह तकनीक उन मिशनों के लिए आवश्यक है जहां सामान्य उद्देश्य के लिए कई रॉकेट लॉन्च की आवश्यकता होती है.

भविष्य के मिशनों के लिए अहम योगदान

स्पैडेक्स का सफल प्रदर्शन भारत के अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर मानव मिशन जैसी परियोजनाओं के लिए बुनियादी तकनीकी नींव रखेगा. इस मिशन की सफलता अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की साख को और मजबूत करेगी. First Updated : Sunday, 12 January 2025