Uniform Civil Code: पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से यूसीसी को लेकर दिए बयान के बाद देशभर में इसकी चर्चा व्यापक स्तर पर शुरू हो गई है. बीते दिनों ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लॉ कमीशन को खत लिखकर इस मुद्द पर राय देने के लिए 6 मबीने का समय मांगा है. लेकिन इसी बीच इस को लेकर सियासत अपने परवाम चढ़ चुकी है.
"मुसलमान नहीं मानेंगे सरकार का फैसला"
संभल से सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क ने UCC को लेकर बड़ा बयान दिया है. सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि "सरकार को कोई भी फैसला मुस्लिम नहीं मानेंगे वो सिर्फ उलेमाओं और मुफ्तियों का ही फैसला मानेंगे. सरकार को इसके लिए पहले उनसे बात करनी चाहिए. उसके बाद जो भी वो आगे का फैसला लेंगे उसी को माना जाएगा"
सरकार जो फैसला कर रही है, हम उसके खिलाफ: डॉ बर्क
सपा सांसद डॉ बर्क यंही नहीं रूके उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि, "ये मसला मजहब का है.इस्लाम में मौलाना, मुफ्ती सब मौजूद हैं. वो जो भी फैसला करेंगे हम उसे मानेंगे. सरकार जो फैसला कर रही है, हम उसके खिलाफ हैं. हम यूसीसी के खिलाफ हैं क्योंकि मौलानाओं मुफ्तियों ने कानून और इस्लाम की रूह से यही फतवा दिया है कि एक कोड नहीं हो सकता है"
UCC का संसद के अंदर और बाहर करेंगे विरोध: डॉ बर्क
बीजेपी पे करारा वार करते हुए डॉ बर्क ने कहा कि, बीजेपी वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है. UCC से आपसी मतभेद बढ़ेंगे और देश में हालात बिगड़ेंगे. मुसलमान अपने धार्मिक मामलों में किसी भी तरह का दखल बर्दाश्त नहीं करेगा. अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लाया गया तो हम संसद के अंदर और बाहर इसका विरोध करेंगे.
समान नागरिक संहिता को लेकर पीएम मोदी ने दिया था बड़ा बयान
देश में इन दिनों एक मुद्दा खूब तूल पकड़ा हुआ है. जिस पर जमकर सियासत हो रही है और इस अब इस सियासत के केंद्र में पीएम मोदी भी आ गए है. पीएम मोदी ने देश में समान नागरिक संहिता की चर्चा छेड़कर इसे राष्ट्रीय विमर्श का विषय बना दिया है. पीएम मोदी ने विपक्ष पर करारा वार करते हुए यूसीसी की जोरदार वकालत की है. पीएम मोदी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि, भूखी पार्टियां समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर मुसलमानों में भ्रम फैला रही हैं. सुप्रीम कोर्ट कहता है कि यूसीसी लागू करो लेकिन वोट बैंक के भूखे ये लोग नहीं चाहते हैं. इसके नाम पर लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि अगर एक परिवार में सदस्यों के लिए अलग-अलग व्यवस्था हो तो परिवार नहीं चल सकता. ऐसे ही एक देश में लोगों के लिए अलग-अलग कानून कैसे हो सकता है? एक घर दो कानूनों से नहीं चल पाएगा, ठीक उसी तरह से एक देश में दो कानून नहीं हो सकते हैं. First Updated : Friday, 30 June 2023