श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव: भारत के साथ रिश्तों की दिशा तय करेगा परिणाम
Srilanka Presidential Election: 21 सितंबर को श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव होंगे, जिनका परिणाम भारत के साथ रिश्तों को प्रभावित कर सकता है. प्रमुख उम्मीदवार रानिल विक्रमसिंघे, सजीथ प्रेमदासा और अनुरा कुमारा दिसानायके हैं. देश की आर्थिक स्थिति और भविष्य इस चुनाव पर निर्भर है. क्या नया राष्ट्रपति भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखेगा, या नई चुनौतियां आएंगी?
Srilanka Presidential Election: श्रीलंका 21 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए तैयार है. यह चुनाव सिर्फ श्रीलंका की राजनीति के लिए ही नहीं बल्कि भारत के साथ उसके रिश्तों के लिए भी महत्वपूर्ण है. इस बार चुनाव में रानिल विक्रमसिंघे, सजीथ प्रेमदासा और अनुरा कुमारा दिसानायके जैसे प्रमुख उम्मीदवार मैदान में हैं.
श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव में मतदाता अपनी प्राथमिकता के आधार पर तीन उम्मीदवारों को रैंक करते हैं. यदि कोई उम्मीदवार पहले चरण में 50% से अधिक वोट प्राप्त करता है तो वह जीत जाता है और अगर कोई ऐसा नहीं कर पाता, तो दूसरे चरण में केवल शीर्ष दो उम्मीदवारों के वोट गिने जाते हैं और अंत में सबसे ज्यादा वोट पाने वाले को विजेता घोषित किया जाता है.
प्रमुख उम्मीदवार और उनके दृष्टिकोण:
1. रानिल विक्रमसिंघे
वर्तमान राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री, जिन्होंने भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए हैं. विक्रमसिंघे का कार्यकाल भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का रहा है.
2. सजीथ प्रेमदासा
विपक्षी नेता, जो एक संतुलित विदेश नीति के हिमायती हैं. प्रेमदासा का मानना है कि श्रीलंका को भारत, चीन और अमेरिका के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना चाहिए.
3. अनुरा कुमारा दिसानायके
नेशनल पीपुल्स पावर के नेता, जो भ्रष्टाचार विरोधी रुख और आर्थिक सुधार की मांग कर रहे हैं. उनका रुख भारत के प्रति मिश्रित हो सकता है खासकर जेवीपी की भारत विरोधी राजनीति के कारण.
4. नमल राजपक्षे
श्रीलंका पोडुजना पेरमुना के उम्मीदवार, जो राजपक्षे परिवार की प्रभावशाली विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं. वे अपने परिवार के पूर्व शासन की नकारात्मक छवि से जूझ रहे हैं.
5. नुवान बोपेज
पीपुल्स स्ट्रगल अलायंस के नेता, जिन्होंने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच लोकप्रियता प्राप्त की है.
मुख्य मुद्दा: आर्थिक संकट
दरअसल श्रीलंका का चुनाव गहरे आर्थिक संकट के साये में हो रहा है. 2022 में संकट के बाद, देश खाद्य, ईंधन और दवा की कमी का सामना कर रहा था. मुद्रास्फीति अब कुछ हद तक कम हुई है, लेकिन आम लोगों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. आर्थिक संकट ने चुनाव को प्रमुख मुद्दा बना दिया है.
भारत के लिए महत्व
श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव भारत के लिए खास महत्व रखता है. श्रीलंका की विदेश नीति भारत के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है, खासकर जब भारत के अन्य पड़ोसी देशों की स्थिति अस्थिर है. भारत के लिए, श्रीलंका का चुनाव क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने और चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भी महत्वपूर्ण है. श्रीलंका का आगामी राष्ट्रपति चुनाव न केवल श्रीलंका के भविष्य को आकार देगा बल्कि भारत के साथ द्वीप राष्ट्र के संबंधों को भी गहराई से प्रभावित करेगा. यह चुनाव भारत की रणनीतिक स्थिति और क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.