नई दिल्ली: मणिपुर में जारी अशांति के बीच सुरक्षा बलों ने इंफाल पूर्वी जिले से स्नाइपर राइफलें, पिस्तौल, ग्रेनेड और अन्य हथियार बरामद किए हैं. यह बरामदगी भारतीय सेना और असम राइफल्स द्वारा मणिपुर पुलिस के साथ मिलकर चुराचांदपुर, चंदेल, इंफाल पूर्व और कागपोकपी में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान की गई. जैसे ही इस बरामदगी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गईं, लोगों का ध्यान एक स्टारलिंक जैसी इंटरनेट डिवाइस ने आकर्षित किया.
बताया जा रहा है कि यह बरामदगी 13 दिसंबर को इम्फाल पूर्व में तलाशी अभियान के दौरान की गई. दीमापुर मुख्यालय वाली स्पीयर कोर ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में सर्च ऑपरेशन में बरामद वस्तुओं की तस्वीरें जारी कीं. इसमें स्टारलिंक लोगो वाला इंटरनेट डिवाइस भी शामिल था. इसमें आरपीएफ/पीएलए के शिलालेख थे.
क्या स्टारलिंक डिवाइस असली है?
हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि यह असली स्टारलिंक डिवाइस है या नहीं. गौरतलब है कि स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है. नेटिज़ेंस ने स्टारलिंक के मालिक टेक-बिलियनेयर एलन मस्क को टैग करते हुए तकनीक के दुरुपयोग पर जवाबदेही की मांग की. एक एक्स यूजर दीपशिखा ने मस्क को टैग करते हुए लिखा कि स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादी कर रहे हैं. उम्मीद है कि एलन मस्क इस पर गौर करेंगे और इस तकनीक के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेंगे. इस पर एलन मस्क ने जवाब देते हुए कहा कि यह गलत है. भारत के ऊपर स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं.
सोच समझ कर देना चाहिए लाइसेंस
एक अन्य उपयोगकर्ता ने कहा कि स्टारलिंक भी दोषी है. उनकी सेवा स्थान-आधारित है, और उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन स्थानों पर उनके पास लाइसेंस नहीं है, वे दुर्गम रहें. कई लोग अनुमान लगा रहे हैं कि स्टारलिंक जैसे इंटरनेट डिवाइस को भारत-म्यांमार या भारत-बांग्लादेश से तस्करी कर लाया गया हो सकता है. स्पीयर कोर ने आगे बताया कि अभियान में स्नाइपर, स्वचालित हथियार, राइफल, पिस्तौल, देशी मोर्टार, सिंगल बैरल राइफल, ग्रेनेड, गोला-बारूद और युद्ध संबंधी सामान सहित 29 हथियार बरामद किए गए।
ऐसे काम करती है स्टारलिंक डिवाइस
एलोन मस्क के स्पेसएक्स में स्टारलिंक एक उपग्रह इंटरनेट सेवा है जिसका लक्ष्य दुनिया भर के 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों में उच्च गति प्रदान करना है. केबल-आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं के विपरीत, जो भौगोलिक, स्थलाकृतिक और अन्य कारकों के कारण बाधित होती हैं. स्टारलिंक आकाश के सीधे दृश्य के साथ किसी भी स्थान पर काम करता है, जिससे ग्रह के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी आती है. First Updated : Wednesday, 18 December 2024