भारत में जल्द शुरू होगी ड्रोन डिलीवरी सेवा, जानें कैसे करेगी काम

भारत की सैन्य शक्ति में जल्द ही बड़ा इजाफा होने वाला है. अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स के साथ हुए एक समझौते के तहत भारत को 31 आधुनिक MQ-9B ड्रोन मिलेंगे. ये ड्रोन हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (HALE) क्षमता वाले हैं और दूर से संचालित किए जा सकते हैं.

Dimple Yadav
Dimple Yadav

भारत को MQ-9B ड्रोन 2029 से मिलने शुरू होंगे. भारत ने अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स से 31 आर्म्ड ड्रोन खरीदने का समझौता किया है. ये ड्रोन हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (HALE) रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) होंगे, जो 2029 से मिलने शुरू हो जाएंगे और 2030 तक सभी ड्रोन मिल जाएंगे.

पहला MQ-9B ड्रोन 51 महीनों में मिलेगा, यानी जनवरी 2029 में पहली डिलीवरी होगी, और सितंबर 2030 तक सभी 31 ड्रोन की डिलीवरी पूरी हो जाएगी. इस डील में 15 सी गार्डियंस ड्रोन होंगे, जो भारतीय नौसेना को दिए जाएंगे, और 16 स्काई गार्डियंस ड्रोन होंगे, जिनमें से आठ आर्मी और एयर फोर्स को मिलेंगे. इस डील की कीमत लगभग 3.5 बिलियन डॉलर है.

ड्रोन की मरम्मत और रखरखाव सुनिश्चित

यह डील अमेरिकी सरकार के फॉरेन मिलिट्री सेल्स (FMS) कार्यक्रम के तहत हुई है. इसमें दो साल का कॉन्ट्रैक्टेड लॉजिस्टिक्स सपोर्ट (CLS) भी शामिल है, जिससे ड्रोन की मरम्मत और रखरखाव सुनिश्चित होगा. इसके अलावा, जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक अलग कॉन्ट्रैक्ट परफॉर्मेंस बेस्ड लॉजिस्टिक्स (PBL) के लिए हुआ है, जो भारत में डिपो स्तर की मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) करेगा. PBL का कॉन्ट्रैक्ट आठ साल या 1,50,000 उड़ान घंटों तक चलेगा, जो भी पहले पूरा होगा.

नौसेना के लिए 10 सी गार्डियंस ड्रोन

यह डील कई सालों की चर्चा और बदलाव के बाद फाइनल हुई. पहले प्रस्ताव में केवल नौसेना के लिए 10 सी गार्डियंस ड्रोन थे, लेकिन बाद में यह प्रस्ताव बढ़कर 30 ड्रोन का हो गया, जिसमें सेना, नौसेना और वायु सेना को 10-10 ड्रोन मिलने थे. शुरुआत में हाई कॉस्ट के कारण डील अटकी रही, लेकिन अंततः 31 ड्रोन लेने की डील पर सहमति बनी.

MQ-9B ड्रोन की खासियतें:

MQ-9B ड्रोन एक अत्याधुनिक हवाई वाहन है, जो अपनी उन्नत तकनीक के कारण सैन्य क्षेत्र में बहुत प्रभावी है. यह ड्रोन 50,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर उड़ सकता है और 442 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. इसकी लंबी रेंज और भारी वजन उठाने की क्षमता इसे दूर-दराज के इलाकों में निगरानी और हमलों के लिए बहुत प्रभावी बनाती है. इस ड्रोन को विभिन्न हथियारों से भी लैस किया जा सकता है, जिससे यह एक बहुमुखी सैन्य उपकरण बनता है.

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20 November 2024, 01:28 PM IST

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