चलती ट्रेन के टॉयलेट से आ रही थी अजीब सी आवाजें, अंदर जो मिला वो चौंकाने वाला था

Indian Railways: आरपीएफ ट्रेनों की जांच कर रही थी. उसी दौरान टॉयलेट से अजीब सी आवाजें आ रही थीं. आवाज सुनकर वापस लौट आया. शक होने पर टॉयलेट का दरवाजा खटखटाया लेकिन खुला नहीं. बाद में दरवाजा खुलने पर अंदर का सीन देखकर हैरान हो गए.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

Indian Railways: गोरखपुर से चल रही एक ट्रेन में आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) के जवान नियमित गश्त पर थे. रात होने की वजह से वे एक-एक कोच की तलाशी ले रहे थे और शक होने पर पूछताछ भी कर रहे थे. इसी दौरान जब जवान एक कोच से दूसरे कोच में जा रहे थे, तो टॉयलेट से अजीब सी आवाजें आ रही थीं. वे पहले तेजी से आगे बढ़े, लेकिन आवाज सुनकर वापस लौट आए. जब उन्होंने टॉयलेट का दरवाजा खटखटाया, तो दरवाजा नहीं खुला. काफी मेहनत करने के बाद दरवाजा खोला और अंदर का दृश्य देखकर वे हैरान रह गए. इसकी सूचना तुरंत आरपीएफ और रेलवे अधिकारियों को दी गई, जो मौके पर पहुंचे और जरूरी कार्रवाई की.

भारतीय रेलवे बच्चों को बचाने के लिए ऑपरेशन ‘नन्हें फरिश्ते’ चला रहा है. इसके तहत आरपीएफ ट्रेनों और स्टेशनों की जांच करता है और जो बच्चे घर से भागे होते हैं या किडनैप किए गए होते हैं, उन्हें बचा लिया जाता है. फिर इन्हें जिला बाल कल्याण समिति को सौंप दिया जाता है.

अंदर जो मिला वो चौंकाने वाला था

पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि अप्रैल से अक्टूबर 2024 तक आरपीएफ ने 644 बच्चों को बचाया है. इनमें घर से भागे हुए, लापता, बिछड़े हुए, अपहृत, मानसिक रूप से विक्षिप्त और बेघर बच्चे शामिल हैं. 

टॉयलेट में बंद दो बच्चे

एक ट्रेन में जब आरपीएफ जवान जांच कर रहे थे, तो उन्होंने टॉयलेट से बच्चों की आवाज सुनी. उन्होंने दरवाजा खोला और अंदर दो बच्चे मिले जो रो रहे थे. पूछताछ में बच्चों ने अपने परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी, सिर्फ इतना बताया कि उन्हें कोई लेकर आया था. 

कुल 644 बच्चों को बचाया

ऑपरेशन ‘नन्हें फरिश्ते’ के तहत 2023-24 में पूर्वोत्तर रेलवे पर 368 बच्चों को बचाया गया. वहीं 2024-25 के अक्टूबर तक 433 लड़कों और 211 लड़कियों समेत कुल 644 बच्चों को बचाया गया. इन बच्चों में से कई घर से भागे हुए, लापता, अपहृत और बेघर थे. पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्पडेस्क भी उपलब्ध है, जिससे बच्चों को सुरक्षित किया जा सकता है.

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28 November 2024, 01:30 PM IST

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