बिहार में परीक्षा को लेकर छात्रों और पुलिस में झड़प, प्रशांत किशोर के खिलाफ मामला दर्ज
बिहार में परीक्षा को लेकर छात्रों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई. इस दौरान, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने 'अनधिकृत रूप से' लोगों को इकट्ठा किया, उन्हें भड़काया और इससे कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई. पुलिस ने इस मामले में सख्त कदम उठाए हैं और जांच शुरू कर दी है.
नई दिल्ली: बिहार में रविवार को हुए छात्रों के विशाल विरोध प्रदर्शन को लेकर चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर, उनकी जन सुराज पार्टी के नेताओं, कुछ कोचिंग सेंटर मालिकों और 700 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. उन पर "अनधिकृत रूप से" लोगों को इकट्ठा करने, उन्हें भड़काने और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने का आरोप लगाया गया है.
पुलिस के अनुसार, जन सुराज पार्टी ने बिना अनुमति के विरोध मार्च निकाला था, जो पटना के गांधी मैदान के पास हिंसक हो गया. इस दौरान पुलिस के लाउडस्पीकर तोड़े गए और पुलिस अधिकारियों व मजिस्ट्रेटों के साथ झड़प हुई. पुलिस ने कहा कि प्रशासन द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद विरोध प्रदर्शन करने वालों ने प्रशासन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित किया.
बिहार लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों का विरोध
रविवार को, बिहार लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों द्वारा आयोजित एक बड़े विरोध प्रदर्शन को पुलिस ने लाठियों और पानी की बौछारों का इस्तेमाल कर समाप्त किया. ये अभ्यर्थी पेपर लीक के आरोपों के बाद 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा की पुनः परीक्षा की मांग कर रहे थे.
छात्रों का मुख्यमंत्री से मिलने का इरादा
प्रदर्शन के दौरान छात्र जेपी गोलंबर में एकत्र हुए थे और उनका इरादा मुख्यमंत्री के आवास तक जाने का था. वे उनसे मिलकर अपनी समस्याओं पर चर्चा करना चाहते थे. प्रशांत किशोर ने छात्रों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और उनके मार्च में शामिल हुए. उन्होंने घोषणा की कि छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मिलेगा. हालांकि, छात्रों ने मुख्यमंत्री के अलावा किसी से मिलने से इनकार कर दिया, जिसके कारण पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी.
जन सुराज सभी सीटों पर लड़ सकती है चुनाव
जन सुराज, द्वारा अगले विधानसभा चुनाव में बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है. पूर्व चुनाव रणनीतिकार ने दो साल तक पूरे राज्य में यात्रा और व्यापक यात्रा के बाद समूह को परिवर्तित किया. उन्होंने कहा था कि पार्टी चुनावी राजनीति में आमूलचूल परिवर्तन लाएगी, और इसका ध्यान रियायतों से हटकर चुनावी एजेंडे पर केंद्रित होगा.