Agni-4 Missile: भारत ने किया परमाणु मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण, चीन की बढ़ी चिंता

6 सितंबर 2024 को चांदीपुर, ओडिशा में भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एक महत्वपूर्ण मिसाइल परीक्षण किया. इस परीक्षण में अग्नी-4 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल ने अपनी ताकत और सटीकता का प्रदर्शन किया. यह सफलता भारतीय रक्षा प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है. लेकिन इस परीक्षण के पूर्ण प्रभाव और इसके रणनीतिक महत्व का खुलासा अभी बाकी है.

JBT Desk
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Agni-4 Missile: भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने आज एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है जिससे देश की सामरिक क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है. 6 सितंबर 2024 को चांदीपुर, ओडिशा में DRDO ने अपनी अग्नी-4 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण भारतीय सेना की सामरिक शक्ति को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होता है.

अग्नी-4 मिसाइल ने अपने निर्धारित पथ पर यात्रा करते हुए सटीकता से लक्ष्य को भेदकर भारतीय रक्षा प्रणाली की क्षमताओं को एक नया आयाम प्रदान किया है. इस सफलता के साथ भारत ने अपनी मिसाइल प्रौद्योगिकी में एक और मजबूत कड़ी जोड़ी है जो राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाती है.

अग्नी-4 मिसाइल का सफल परीक्षण

6 सितंबर 2024 को भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने चांदीपुर, ओडिशा में अपनी अग्नी-4 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल परीक्षण महत्वपूर्ण था क्योंकि यह देश की सुरक्षा क्षमताओं को और मजबूत करता है. अग्नी-4 एक अग्नि श्रेणी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे 3500 किलोमीटर तक के दायरे में सटीक वार करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह मिसाइल ठोस ईंधन पर काम करती है और इसमें अत्याधुनिक नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली लगी है जो इसे युद्धक्षेत्र में प्रभावी बनाती है.

लक्ष्य भेदने में है सटीक

इस परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने अपने निर्धारित पथ पर यात्रा की और लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सफल रही. DRDO ने इस परीक्षण की पुष्टि करते हुए कहा कि यह भारतीय सेना की सामरिक शक्ति को और बढ़ाता है और देश की रक्षा क्षमताओं में सुधार लाता है. यह परीक्षण भारतीय रक्षा कार्यक्रम की निरंतर प्रगति और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत ने अपने मिसाइल प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता प्राप्त की है और सुरक्षा को लेकर अपनी संजीदगी को दर्शाया है.

चीन की बढ़ी चिंता

अग्नी-4 की सफलता से भारत की सामरिक स्थिरता में सुधार होगा और यह पड़ोसी देशों के साथ सुरक्षा के दृष्टिकोण को भी सशक्त बनाएगा. यह परीक्षण भारतीय रक्षा बलों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और भविष्य में इस प्रकार के अधिक परीक्षणों की संभावना को भी दर्शाता है.

चीन, जो क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत सावधान रहता है वो इस मिसाइल के परीक्षण से चिंतित है. अग्नि-4 की लंबी दूरी और सटीकता ने चीन के सैन्य रणनीतिकारों को चिंता में डाल दिया है क्योंकि इससे भारत की परमाणु क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है और क्षेत्रीय संतुलन पर असर डालता है. इस सफल परीक्षण के साथ भारत ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वह किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है और चीन को इस नई वास्तविकता का सामना करना पड़ेगा. 

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06 September 2024, 11:31 PM IST

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