तहसीलदार और मंत्री के पीए का भ्रष्टाचार बना सरकारी कर्मचारी की हत्या कारण
कर्नाटका के बेलगावी में एक सरकारी कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली और इसके लिए उसने तहसीलदार और मंत्री के PA को जिम्मेदार ठहराया है. रुद्रन्ना यादवन्नावर नाम के इस कर्मचारी ने अपने आत्महत्या नोट में इन लोगों पर रिश्वत लेने और उसका ट्रांसफर न रुकवाने का आरोप लगाया. अब इस मामले ने राजनीति का रंग ले लिया है और बीजेपी ने मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर से इस्तीफे की मांग कर दी है.
Belagavi: कर्नाटका के बेलगावी जिले में एक सरकारी कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली और इसके लिए उसने तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया है. रुद्रन्ना यादवन्नावर, जो तहसीलदार कार्यालय में द्वितीय श्रेणी सहायक के रूप में काम करते थे, उन्होंने अपनी मौत से पहले एक नोट छोड़ा है, जिसमें तहसीलदार बसवराज नागराल, कार्यालय कर्मचारी अशोक कब्बालीगर और मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के निजी सहायक सोमू का नाम लिया गया है.
मौत के पहले छोड़ा मैसेज
दरअसल यह घटना मंगलवार को बेलगावी तहसील कार्यालय में घटी, जहां रुद्रन्ना का शव पंखे से लटका हुआ मिला. पुलिस का कहना है कि यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है, लेकिन रुद्रन्ना ने अपनी मौत से पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट और व्हाट्सएप ग्रुप पर संदेश भेजा था, जिसमें उसने अपनी आत्महत्या का कारण और इसके लिए जिम्मेदारों के नाम बताए थे. रुद्रन्ना ने अपने ट्रांसफर को रुकवाने के लिए तहसीलदार और मंत्री के PA को रिश्वत दी थी, लेकिन फिर भी उसका ट्रांसफर रुकवाया नहीं जा सका. इस तनाव के कारण वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया था और इसलिए उसने आत्महत्या कर ली.
रुद्रन्ना के आत्महत्या नोट ने खोला राज
रुद्रन्ना की मौत के बाद पुलिस को जो नोट मिला है, उसमें साफ तौर पर तीन लोगों पर आरोप लगाया था. रुद्रन्ना का कहना था कि उसका ट्रांसफर हाल ही में सवदत्ती कर दिया गया था और वह इसे रुकवाने के लिए तहसीलदार को 2 लाख रुपये की रिश्वत दे चुका था. इसके अलावा, उसने मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के PA सोमू को भी 50,000 रुपये दिए थे. फिर भी उसका ट्रांसफर रुकवाया नहीं गया, जिससे वह मानसिक तनाव में आ गया था और अंततः आत्महत्या कर ली.
बीजेपी ने खोला मोर्चा
इस घटना के बाद बीजेपी ने कर्नाटका की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी का कहना है कि कांग्रेस शासन में भ्रष्टाचार की हदें पार हो चुकी हैं और यह घटना इसका उदाहरण है. केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने आरोप लगाया कि मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर और उनके PA सोमू पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. बीजेपी ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात भी कही है.