Sukhbir Badal Punishment: पंजाब के शिरोमणि अकाली दल के नेता और अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी दिलाने और बेअदबी के मामले में सजा सुनाई है. सजा के तहत सुखबीर सिंह बादल को गले में तख्ती पहनकर सेवा करनी होगी. इसके साथ ही उन्हें जूठे बर्तन साफ करने होंगे, लंगर घर में सेवा और स्वर्ण मंदिर के बाहर गेट पर पहरा देने का आदेश दिया गया है.
सुखबीर सिंह बादल ने राम रहीम को माफी देने की गलती को स्वीकार किया है. श्री अकाल तख्त साहिब ने फखर-ए-कौम सम्मान को वापस लेने का फैसला किया है. 2011 में श्री अकाल तख्त साहिब ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को यह सम्मान दिया था, लेकिन अब इसे वापस लिया गया है.
सुखबीर सिंह बादल के पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर होने के कारण वे चल नहीं सकते. इसी कारण उन्हें स्वर्ण मंदिर के गेट पर व्हील चेयर पर बैठकर एक घंटा पहरा देने का आदेश दिया गया है. वहीं, पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा, जिनकी उम्र ज्यादा है, वे भी स्वर्ण मंदिर के गेट पर एक घंटा पहरा देंगे. इसके अलावा, अन्य नेताओं को स्वर्ण मंदिर में बाथरूम साफ करने और लंगर में बर्तन धोने की सजा दी गई है.
सजा के दौरान सभी नेताओं को गले में तख्ती पहननी होगी. यह तख्ती उनके दोषों को कबूल करने के प्रतीक के रूप में दी जाएगी.
पंजाब के पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा, "हम श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का पालन करेंगे और जो सजा सुनाई गई है, उसे सिर झुका कर मानेंगे. यह हमारा कर्तव्य है कि हर सिख को अकाल तख्त के आदेशों का पालन करना चाहिए." उन्होंने कहा, "हमने जो बातें कहीं थीं, वे सच साबित हुई. हमें खुशी है कि जो मुद्दे हम लेकर आए थे, वे सही साबित हुए हैं."
जब फखर-ए-कौम सम्मान वापस लेने के फैसले पर ढींडसा से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, "उन्होंने सोच-समझ कर फैसले लिए हैं. यह अच्छा कदम था, और इस फैसले से हमें सीख मिलनी चाहिए."
First Updated : Monday, 02 December 2024