सुप्रीम कोर्ट ने 25,000 शिक्षकों को किया बर्खास्त, तीन महीने में पूरी करनी होगी नई चयन प्रक्रिया, ममता बनर्जी के सामने बड़ी चुनौती
सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने 22 अप्रैल 2024 को कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था और राज्य को तीन महीने के भीतर पूरी होने वाली एक नई चयन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. बता दें कि ममता बनर्जी सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी तथा दागी और बेदाग उम्मीदवारों को अलग करने पर जोर दिया था.

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने 25 753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया है. सर्वोच्च अदालत ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि पूरी चयन प्रक्रिया को हेरफेर और धोखाधड़ी से प्रेरित बताया और इसकी विश्वसनीयता पर भी सवाल किया.
ये नियुक्तियां फर्जी हैं
सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने 22 अप्रैल 2024 को कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था और राज्य को तीन महीने के भीतर पूरी होने वाली एक नई चयन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. पीठ ने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता. अदालत ने कहा कि नियुक्तियां धोखाधड़ी के परिणामस्वरूप हुई हैं और इसलिए ये फर्जी हैं.
तीन महीने के भीतर नई चयन प्रक्रिया पूरी करो
कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर नई चयन प्रक्रिया पूरी करनी होगी. जो लोग इस नई प्रक्रिया को पास कर लेंगे, उन्हें 2016 में नियुक्ति के बाद से लिया गया वेतन वापस नहीं करना होगा. लेकिन जो पास नहीं कर पाएंगे, उन्हें वेतन वापस करना होगा. कोर्ट ने विकलांग व्यक्तियों को छूट देते हुए कहा है कि वे अपनी वर्तमान पोस्टिंग पर बने रह सकते हैं.
ममता सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को दी थी चुनौती
आपको बता दें कि ममता बनर्जी सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी तथा दागी और बेदाग उम्मीदवारों को अलग करने पर जोर दिया था. विवाद के केंद्र में राज्य सरकार द्वारा बनाए गए अतिरिक्त पद हैं. 2016 में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा में 23 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे. रिक्त पदों की संख्या 24,640 थी, लेकिन 25,753 नियुक्ति पत्र जारी किए गए. आरोप है कि इन अतिरिक्त पदों ने अवैध भर्ती के लिए जगह बनाई.
चुनाव से पहले ममता सरकार को झटका
शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. इस मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री और ममता बनर्जी के एक भरोसेमंद सहयोगी समेत पार्टी के कई शीर्ष नेता जेल में हैं. आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बीजेपी के लिए बड़ा हथियार साबित हो सकता है. बीजेपी आगामी चुनाव में इस मुद्दे को जोर शोर से उठा सकती है.
अमित मालवीय ने साधा ममता पर निशाना
भाजपा नेता अमित मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ममता बनर्जी के लिए करारी हार बताया. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी नकदी के बंडलों के साथ पकड़े जाने के कारण पहले से ही जेल में हैं. मालवीय ने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यकाल में इस बड़े घोटाले ने हजारों युवाओं के करियर को बर्बाद कर दिया. उनको भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.