केंद्र और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को मणिपुर हिंसा के हालात को लेकर स्टेटस रिपोर्ट जारी किया है. हिंसा के करीब दो सफ्ताह बाद भी तनाव बने हुए है। आज सुप्रीम कोर्ट मणिपुर ट्राइबल फोरम और हिल एरिया कमेटी की याचिकाओं पर सुनावाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से राज्य में मेइतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा पर एक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई जुलाई के पहले हफ्ते में तय की है।
केंद्र और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है और राज्य में स्थिति में सुधार हुआ है. राज्य की सीमा पर कुछ मुद्दे थे और शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इरादा राज्य में शांति बहाल करना है। उनका कहना है कि जिला पुलिस और सीएपीएफ द्वारा संचालित कुल 315 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। राज्य सरकार ने राहत उपायों के लिए 3 करोड़ रुपये का आकस्मिक कोष स्वीकृत किया है। एसजी मेहता कहते हैं कि अब तक करीब 46,000 लोगों को मदद मिल चुकी है।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ का कहना है कि अदालत को मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगानी है, जहां एचसी ने मणिपुर सरकार से केंद्र को अनुसूचित जनजाति सूची में मेइती समुदाय को शामिल करने की सिफारिश करने पर विचार करने के लिए कहा था। सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि जमीनी स्थिति को देखते हुए, सरकार ने रोक लगाने की मांग नहीं की और केवल विस्तार की मांग की, क्योंकि इससे जमीनी स्थिति पर असर पड़ेगा। First Updated : Wednesday, 17 May 2023