सुप्रीम कोर्ट ने जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के 284 विद्यार्थियों को सोमवार को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई लगातार जारी रखने के लिए तीन विकल्प दिए हैं. विद्यार्थियों को मणिपुर विश्वविद्यालय के आनलाइन कक्षाओं में भाग लेने या सिलचर में असम विश्वविद्यालय या शिलांग में पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय में स्थानांतरण लेने का विकल्प दिया है.
जो इस वक्त देश के अलग-अलग जगहों पर रह रहे हैं. याचिकाकर्ताओं ने देश के अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अपनी पढ़ाई लगातार जारी रखने की अनुमति देने के लिए शीर्ष अदालत से अनुमति देने की मांग की थी. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, हम तीन विकल्प दे सकते हैं. पहला, छात्र मणिपुर विश्वविद्यालय में आनलाइन क्लास लें दूसरा, उन्हें सिलचर में असम विश्वविद्यालय में प्रवेश करने कि अनुमति दी जा सकती है और तीसरा, वे शिलांग में पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर सकते हैं.
पीठ ने निर्देश देते हुए कहा कि मणिपुर विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी का नाम उसकी वेबसाइट पर पोस्ट किया जाए. कहा कि अधिकारी को इच्छुक विद्यार्थियों द्वारा आवेदन करने के दो हफ्ते के अंदर विद्यार्थियों का स्थानांतरण सुनिश्चित करना होगा। शीर्ष अदालत ने विद्यार्थियों को यह भी आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को जस्टिस
गीता मित्तल के नेतृत्व वाली High Court की तीन पूर्व महिला जजों की समिति द्वारा उठाया जाएगा जिसके लिए उचित आदेश पारित किए जाएंगे.
पीठ ने कहा, इस स्तर पर हम ये तीन विकल्प दे रहे हैं। जस्टिस गीता मित्तल समिति एक बेहतर विकल्प तलाशे. वह (जस्टिस गीता मित्तल) रिपोर्ट सौंपेंगी। हम रिपोर्ट के संदर्भ में आदेश पारित करेंगे। मणिपुर में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा के बाद से 170 से अधिक लोग मारे गए हैं।
मणिपुर हिंसा पर पोस्ट मामले में Supreme Court से पत्रकार को राहत सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में जातीय हिंसा पर पोस्ट के लिए एक पत्रकार मेकपीस सितल्हो के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में किसी भी संभावित दंडात्मक कार्रवाई से पत्रकार को सोमवार को रहत मिली है.
सुनवाई के वक्त प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने मेकपीस सितल्हो की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि स्वतंत्र पत्रकार सितल्हो के खिलाफ राज्य में जातीय हिंसा पर उनके ट्वीट को लेकर इंफाल में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. कपिल सिब्बल की दलीलों को सुनने के बाद पीठ ने कहा, अगले आदेश तक उनके खिलाफ प्राथमिकी से संबंधित कार्रवाई पर रोक रहेगी. First Updated : Tuesday, 05 December 2023