15 अगस्त से पहले आजाद हुए मनीष सिसोदिया, सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

Manish Sisodia Bail: दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने AAP नेता मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत दी है. शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 18 महीने बाद जमानत दे दी. अदालत के इस फैसले के साथ अब उनके जेल से वापस आने का रास्ता साफ हो गया है. अब संभव है कि 15 अगस्त से पहले वो दिल्ली की आजाद हवा में होगे. ये भी संभल है कि अब वो सरकार का कामकाज भी संभाल सकते हैं.

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Manish Sisodia Bail: स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त से पहले दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा अवसर आया है. पार्टी की बैकबोन कहे जाने वाले AAP नेता मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में जमानत मिल गई है. अब 15 अगस्त से पहले उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. जमानत देने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनके पास दस्तावेजों को जांचने के अधिकार हैं. इसके साथ ही अदालत ने ये भी कहा कि मामले में हो रही देरी उनके स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है.

बता दें दिल्ली के आबकारी नीति मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया 18 महीने से जेल में बंद थे. तिहाड़ जेल में रहते हुए उन्होंने कई बार जमानत की कोशिश की थी. हालांकि, हाईकोर्ट तक से उनकी जमानत रद्द हो गई थी. आबकारी नीति मामले में ईडी ने उन्हें मुख्य आरोपी बनाया था. क्योंकि, इस नीति के आने के समय मनीष सिसोदिया के पास ही आबकारी मंत्रालय था.

वकील ने बताई कोर्ट की बात

मनीष सिसोदिया के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जमानत दी है. वह लंबे समय से जेल में थे. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि मनीष सिसोदिया की तरफ से ट्रायल में कोई देरी नहीं हुई है. ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जमानत मांगने वाले सभी मामले सुप्रीम कोर्ट तक न पहुंचें.

ऋषिकेश कुमार ने बताया कि अभी आदेश आया है. जैसे ही हम ट्रायल कोर्ट में शर्तें पूरी करेंगे मनीष सिसोदिया को रिहा कर दिया जाएगा. हम इसके लिए जल्द से जल्द सभी फारमलटी कर लेंगे. हमारी कोशिश है कि जल्द उनको जेल से रिहा करा लिया जाए.

उनकी स्वतंत्रता का हनन

मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में CBI और ED दोनों की गिरफ्तारी के खिलाफ अर्जी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल में देरी को देखते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि कोर्ट को लगता है कि 17 महीने तक जेल में रखने और मुकदमा न शुरू करने की वजह से अपीलकर्ता को हक से वंचित किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इस केस का जल्द ट्रायल नहीं हो सकता. मनीष सिसोदिया को ऐसी स्थिति में और ज्यादा दिनों तक जेल में रखना, मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.


First Updated : Friday, 09 August 2024