बुल्डोजर एक्शन पर केंद्र ने कहा- हमारे हाथ मत बांधिए, अदालत ने दिया करारा जवाब

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा आदेश देते हुए बुल्डोजर एक्शन पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई तक किसी भी तरह तोड़फोड़ वाली कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी. हालांकि केंद्र सरकार ने अदालत से कहा है कि वो उनके हाथ ना बांधे, इस पर कोर्ट ने कुछ ऐसा कह दिया कि जवाब वायरल हो रहा है.

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Supreme Court: मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिना अनुमति के पूरे भारत में बुलडोजर के ज़रिए की जा रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है, जब तक कि ध्वस्तीकरण सार्वजनिक सड़कों, जल निकायों, रेलवे लाइनों पर न हो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह नगरपालिका कानूनों के तहत कब और कैसे संपत्ति ध्वस्त की जा सकती है, इस पर निर्देश तैयार करेगा. हालांकि इस पर केंद्र सरकार ने अदालत से कुछ ऐसा कह दिया कि अदालत का जवाब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. 

पिछले हफ्ते जस्टिस हृषिकेश रॉय, सुधांशु धूलिया और एसवीएन भट्टी की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने "बुलडोजर न्याय" की आलोचना की थी और कहा था कि ऐसे देश में जहां कानून सर्वोच्च है, इस तरह के ध्वस्तीकरण की धमकियां अकल्पनीय हैं. गुजरात में नगरपालिका अधिकारियों में से एक ने एक परिवार के घर को बुलडोजर से गिराने की धमकी दी, जिनमें से एक का नाम एफआईआर में है. 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह पूरे भारत में तोड़फोड़ को विनियमित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी.

हालांकि आज की सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि याचिकाकर्चा का कहना है कि एक धर्म विशेष के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई की जा रही है. हालांकि इस पर अदालत ने कहा कि अभी हमारा मकसद यह है कि तोड़फोड़ की कार्रवाई को रोका जाए, किस धर्म के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. हम बाहरी शोर से प्रभावित नहीं होते. 

इसके अलावा केंद्र ने यह भी कहा कि जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उन्होंने अदालत का रुख भी नहीं किया, क्योंकि उन्हें पता है कि उनके द्वारा किया गया निर्माण अवैध है. अदालत की तरफ से लगाई रोक पर भी केंद्र ने कहा कि हमारे हाथ ना बांधें तो अदालत ने कहा कि 2 हफ्ते कार्रवाई नहीं होगी तो कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा. आप अपने हाथ रोक दीजिए. 15 दिन में क्या हो जाएगा.  First Updated : Tuesday, 17 September 2024