Supreme Court News: केंद्र की मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के बीच हमेशा ठनी रहती है. ममता बनर्जी लगातार सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाती रही हैं. हालांकि, भाजपा और केंद्र सरकार भी उनको घेरती रही है. अब दोनों के विवाद में सुप्रीम कोर्ट की एंट्री हो गई है. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गई है और मोदी सरकार की दलील को अस्वीकार कर दिया है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने मोदी सरकार पर CBI के गलत उपयोग का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी. इसके बाद केंद्र की ओर से भी सफाई आई थी कि सरकार का एजेंसी में कोई दखल नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने इसे अब अस्वीकार करते हुए मामले को सुनवाई के योग्य मान लिया है.
CBI के कथित दुरुपयोग को लेकर लगाई गई याचिका में पश्चिम बंगाल सरकार ने आरोप लगाया है कि राज्य के अधीन आने वाले मामलों में केंद्र सरकार एजेंसी को भेजकर एकतरफा हस्तक्षेप करती है.
इस याचिका को संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दायर किया गया है. इसमें सरकार ने कहा कि CBI को केस दर्ज करने के लिए दी गई सहमति 16 नवंबर, 2018 को वापस ले ली गई थी. इसके बाद से एजेंसी को राज्य के मामलों में FIR दर्ज करने का कोई अधिकार नहीं है. इसके बाद भी वो लगातार मामले दर्ज कर रही है और गिरफ्तारियां भी कर रही है.
इससे पहले केंद्र सरकार ने इन आरोपी को खारिज कर दिया था. सीबीआई जांच को चुनौती देने वाली ममता सरकार की याचिका पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि भारत सरकार कोई मामला दर्ज नहीं करती है. ये एजेंसी का काम है और एजेंसी पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है. उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 131 केंद्र और एक या अधिक राज्य के बीच विवाद में अदालत के अधिकार क्षेत्र से संबंधित है. इस प्रावधान का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया है. First Updated : Wednesday, 10 July 2024