Maharashtra: शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में महाराष्ट्र स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जानिए क्या कुछ कहा

Maharashtra: महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बगावात के बाद दो भागों में बंट चुकी शिवसेना की बीच जारी घमासान थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. काफी लंबे वक्त तक पार्टी चिन्ह को लेकर भी दोनों गुटों के बीच जंग जारी रहा.

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Maharashtra: महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बगावात के बाद दो भागों में बंट चुकी शिवसेना की बीच जारी घमासान थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. काफी लंबे वक्त तक पार्टी चिन्ह को लेकर भी दोनों गुटों के बीच जंग जारी रहा. हालांकि, बाद में चुनाव आयोग ने यह फैसला एकनाथ शिंदे के पक्ष में सुनाया. वहीं इस मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई. जिसके बाद कोर्ट ने महाराष्ट्र स्पीकर से टाइमलाइन की मांग की है. 

सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से अयोग्यता याचिका पर फैसला करने की समय सीमा मांगी है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ये मामला अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता. स्पीकर को अयोग्यता पर फैसला करना होगा और कोर्ट की गरिमा का पालन करना होगा.

क्या यह तमाशा है?-  कपिल सिब्बल

आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 38 विधायकों की अयोग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में उन्होंने मांग किया है कि महाराष्ट्र स्पीकर को जल्द से जल्द फैसला करने का निर्देश दिया जाए. सुनील प्रभु की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि यह बड़ी गंभीर समस्या है. अभी तक स्पीकर द्वारा नोटिस जारी नहीं हुआ है. क्या यह तमाशा है? हम दसवीं अनुसूची को भी भूल गए. हमने तीन आवेदन दायर किए हैं. कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, फिर हमने 4 जुलाई को याचिका दाखिल की और 14 जुलाई को नोटिस जारी किया गया है.

'वह कैसे कह सकते हैं कि मैं जवाबदेह नहीं'

कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा, "जब हम स्पीकर के पास जाते हैं तो हर विधायक के 100 जवाब होते हैं. फिर स्पीकर कहते हैं कि आपने दस्तावेज दाखिल नहीं किया है. स्पीकर को दस्तावेज दाखिल करना है, हमें नहीं. यहां एक अवैध सरकार है. वह कैसे कह सकते हैं कि मैं जवाबदेह नहीं हूं. अदालत को एक आदेश जारी करना चाहिए.

'स्पीकर के साथ नहीं कर सकते ऐसा व्यवहार'

अयोग्यता मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पीकर को अयोग्यता पर फैसला करना होगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पूछा मई 11 से अब तक स्पीकर ने क्या किया है? स्पीकर के लिए SG तुषार मेहता ने कहा कि हमें एक तथ्य नहीं भूलना चाहिए. स्पीकर एक संवैधानिक पदाधिकारी है. किसी अन्य संवैधानिक न्यायालय के समक्ष उनकी स्थिति को इस तरह उठाया नहीं जा सकता. आप स्पीकर के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते.

इस मामले पर टिप्पणी करते हुए सीजेआई ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस मामले में कुछ नहीं हुआ है. स्पीकर के लिए पेश हुए सॉलिसीटर जनरल से सीजेआई ने कहा कि स्पीकर को मामले का निपटारा करना चाहिए. एसजी ने कहा कि स्पीकर कानून के मुताबिक कार्यवाही करेंगे और सुनवाई करेंगे. किसने जवाब दिया और किसने नहीं दिया. ये उनके बीच का मसला है. First Updated : Monday, 18 September 2023