सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड में अगले सुनवाई तक नियुक्तियों पर लगाई रोक, नहीं बदलेगा स्टेटस, जानें क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वक्फ अधिनियम से जुड़ी सुनवाई में अंतरिम आदेश पारित करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि जब तक अगला आदेश न आए, तब तक संशोधित वक्फ कानून के तहत न तो कोई नियुक्ति की जाए और न ही कोई नया वक्फ बोर्ड गठित किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वक्फ अधिनियम, 1995 में 2023 में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश पारित किया है. अदालत ने केंद्र सरकार के उस आश्वासन को रिकॉर्ड में लिया है, जिसमें कहा गया कि अगले आदेश तक संशोधित अधिनियम के तहत केंद्रीय वक्फ परिषद या किसी भी राज्य वक्फ बोर्ड में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी.
अधिनियम को लागू करने पर रोक नहीं लगाई गई
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि अधिनियम को लागू करने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को भरोसा दिलाया कि सरकार वर्तमान में संशोधित कानून के तहत कोई नियुक्ति नहीं करेगी और एक सप्ताह के भीतर इस पर अपना जवाब दाखिल करेगी.
इसके अलावा, सरकार ने अदालत को यह भी आश्वासन दिया है कि 1995 के मूल वक्फ अधिनियम के तहत पहले से दर्ज की गई वक्फ संपत्तियों चाहे वे "उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ" के अंतर्गत मान्यता प्राप्त क्यों न हों, किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचेगा.
अगली सुनवाई अब 5 मई को
केंद्र ने मामले में अंतरिम आदेश पारित करने में थोड़ी देरी की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने सरकार के बयान को रिकॉर्ड में लेते हुए साफ कर दिया कि वर्तमान स्थिति बनी रहेगी और कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 मई को दोपहर 2 बजे होगी, हालांकि उस दिन केवल सीमित चर्चा ही की जाएगी.


