Supreme Court: मध्य प्रदेश और राजस्थान चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भेजा नोटिस
Supreme Court: एमपी और राजस्थान के चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है.
Supreme Court: चुनाव से पहले एमपी और राजस्थान के सीएम द्वारा की जा रही घोषणाओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों के साथ साथ केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी किया है. इस मामले को मुफ्त सुविधाओं के वादे पर पहले से लंबित याचिका में भी जोड़ा गया है.
जनहित याचिका पर मांगा जवाब
चुनाव आने से पहले सभी पार्टियां जनता से बड़े बड़े वादे करती हैं. इसी मामले पर मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार पर विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को मुफ्त सुविधाएं बांटने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार से उस जनहित याचिका पर जवाब मांगा.
पैसे का होता है दुरुपयोग
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने जनहित याचिका पर केंद्र, चुनाव आयोग और भारतीय रिजर्व बैंक को नोटिस भी जारी किया. जिसमें कहा गया कि 'मतदाताओं को लुभाने के लिए दोनों राज्य सरकारें करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'चुनाव से पहले सरकार द्वारा नकदी बांटने से ज्यादा बुरा कुछ नहीं हो सकता.'
इससे बढ़ता है लोगों पर बोझ
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा, 'ऐसा हर बार होता है और इसका बोझ करदाताओं पर पड़ता है.' वहीं, पीठ ने चार सप्ताह के भीतर जवाब देने का नोटिस जारी किया है. अदालत ने भट्टू लाल जैन द्वारा दायर जनहित याचिका पर ध्यान दिया और आदेश दिया कि इसे इस मुद्दे पर लंबित याचिका के साथ टैग किया जाए.
आपको बता दें कि इस साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने प्लान तैयार कर लिया है. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान हो सकता है. वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना में एक-एक चरण में वोटिंग हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने चुनावी राज्यों का दौरा करने के बाद यह योजना तैयार की है.