प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, UP-हरियाणा के लिए टीमें बनाने का आदेश

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण से संबंधित एक अहम मामले की सुनवाई हुई, जहां अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राज्यों को निर्देश दिया कि वे GRAP के चौथे चरण के तहत प्रदूषण रोकथाम उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करें और निगरानी के लिए विशेष टीमें गठित करें.

Ritu Sharma
Edited By: Ritu Sharma

Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में लगातार खराब हो रही वायु गुणवत्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए बड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. गुरुवार को वायु प्रदूषण से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले राज्यों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) के तहत प्रदूषण रोकथाम उपायों को कड़ाई से लागू करने के आदेश दिए.

टीमों का गठन और सख्त निगरानी का निर्देश

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल हैं, एनसीआर के राज्यों को आदेश दिया कि प्रदूषण उपायों की निगरानी के लिए पुलिस और राजस्व अधिकारियों की टीमें गठित की जाएं. कोर्ट ने कहा, ''ये टीमें इस न्यायालय के अधिकारी के रूप में काम करेंगी और अनुपालन की रिपोर्ट नियमित रूप से सीएक्यूएम (CAQM) को सौंपेंगी ताकि उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई हो सके.''

GRAP-IV फिर से लागू

वहीं आपको बता दें कि वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट के चलते दिल्ली-एनसीआर में GRAP-IV को फिर से लागू कर दिया गया है. यह निर्णय तब लिया गया जब दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद प्रतिबंधों में कुछ ढील दी गई थी, लेकिन, वायु गुणवत्ता फिर से खराब होने पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पड़ी.

पटाखों पर प्रतिबंध के सख्त आदेश

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को सूचित किया कि दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है. हरियाणा ने कहा कि केवल हरित पटाखों को जलाने की अनुमति होगी, जबकि राजस्थान ने एनसीआर क्षेत्र में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की बात कही. हालांकि, उत्तर प्रदेश ने इस क्षेत्र में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय नहीं लिया है.

पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी

इसके अलावा आपको बता दें कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली के आस-पास के राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा की. कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं ताकि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके.

बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कठोर उपायों की जरूरत है. कोर्ट के आदेश से यह उम्मीद की जा रही है कि GRAP-IV के सख्त क्रियान्वयन और अधिकारियों की टीमें प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में कारगर साबित होंगी.

calender
19 December 2024, 07:06 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो