वक्फ बिल पर सस्पेंस, नीतीश-चिराग ने विपक्ष के मन में बढ़ाई बेचैनी

Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. ये बुधवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है. इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष दोनों अपनी-अपनी रणनीतियों को लेकर सतर्क हैं. एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू और एलजेपी-आर ने इस बिल पर चुप्पी साध रखी है, जिससे विपक्ष की बेचैनी बढ़ गई है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है. इस बिल को बुधवार को लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना जताई जा रही है, जिसके बाद सरकार और विपक्ष दोनों अपनी-अपनी रणनीतियां तैयार कर रहे हैं. विपक्ष के नेताओं का कहना है कि इस बिल को किसी भी हालत में रोका जाए, वहीं सरकार का दावा है कि एनडीए के साथ-साथ कुछ अन्य दल भी इस बिल का समर्थन कर रहे हैं. इस बीच, एनडीए के प्रमुख सहयोगी दल जेडीयू और चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी-आर ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, जिससे विपक्ष की बेचैनी और बढ़ गई है.

वक्फ संशोधन बिल को लेकर दोनों दलों ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, लेकिन इशारों-इशारों में विपक्ष को संदेह और चिंता में डाल दिया है. चिराग पासवान और नीतीश कुमार की पार्टी ने कहा है कि विपक्ष मुसलमानों में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है. इस तरह के भ्रामक बयान देकर लोगों में डर पैदा नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि, जेडीयू के एमएलसी गुलाम गौस ने इस बिल का विरोध करते हुए सरकार से इसे वापस लेने की अपील की है.

गुलाम गौस ने की वक्फ बिल को वापस लेने की अपील

गुलाम गौस ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका मानना है कि वक्फ संशोधन बिल को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "यदि यह देश हित में होगा और जनता की भलाई के लिए होगा, तो इस बिल को वापस लिया जाना चाहिए. जब किसान आंदोलन के बाद किसान बिल को वापस लिया जा सकता है, तो फिर वक्फ बिल क्यों नहीं?" उनका यह भी कहना था कि उनकी पार्टी समर्थन कर रही है, ऐसा कोई दावा नहीं किया जा सकता. उन्होंने साफ किया कि इस मुद्दे पर पार्टी का आधिकारिक रुख अभी सामने नहीं आया है और यह उनकी व्यक्तिगत राय है.

ललन सिंह की चुप्पी से विपक्ष की चिंता बढ़ी

वहीं, जेडीयू के नेता ललन सिंह ने इस बिल पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी. उन्होंने कहा कि इस बिल पर उनका रुख लोकसभा में स्पष्ट होगा. ललन सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें विपक्ष से कोई प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है और नीतीश कुमार के कामों पर विपक्ष को बोलने का अधिकार नहीं है. "नीतीश कुमार ने मुसलमानों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान के लिए जो कार्य किए हैं, वह किसी भी सरकार से बेहतर हैं," ललन सिंह ने कहा.

संजय झा ने भी दी अपनी राय

कांग्रेस नेता संजय झा ने भी इस बिल को लेकर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि अगर वक्फ बिल को लागू करना है तो उसे बैक डेट से लागू नहीं किया जाना चाहिए. "जो हो चुका है, उसे छोड़ दें, लेकिन पुराने समय से इस बिल को लागू करना सही नहीं होगा," संजय झा ने कहा. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा मुसलमानों के हितों का ध्यान रखा है और कभी भी उनका अहित नहीं किया.

चिराग पासवान का आरोप

चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी-आर ने भी इस बिल पर कोई स्पष्ट राय नहीं दी, लेकिन विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. पार्टी के सांसद अरुण भारती ने कहा, "विपक्ष जिस तरह से लोगों को डराने की कोशिश कर रहा है, वह गलत है. वक्फ बिल पर कई बार कानून आया है, जैसे 1995 में एक विधेयक आया था, जिसे भाजपा ने भी समर्थन किया था. हमें देखना होगा कि इससे मुसलमानों को किस तरह का लाभ होगा."

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01 April 2025, 02:30 PM IST

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