स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया बड़ा बयान,धर्मांतरण के पीछे पंडे-पुजारियों और धर्माचार्यों का बताया गठजोड़
अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने धर्मांतरण के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा कि,धर्मांतरण के पीछे अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट नहीं अपितु मंदिरों में बैठे हुए पंडे-पुजारियों, धर्मचारियों का गठजोड़ और सिंडिकेट है.
हाइलाइट
- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया बड़ा बयान
- धर्मांतरण के पीछे पंडे-पुजारियों और धर्माचार्यों का बताया गठजोड़
Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य अपने विवादित बयानों के जरिए हमेशा सुर्खियों में बने रहते है। बीते दिनों ‘रामचरितमानस’ को लेकर उनकी तरफ से की गई विवादित टिप्पणी पर देश की सियासत में जमकर सियासी बवाल मचा था। तो वहीं अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने धर्मांतरण के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, धर्मांतरण के पीछे अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट नहीं अपितु मंदिरों में बैठे हुए पंडे-पुजारियों, धर्मचारियों का गठजोड़ और सिंडिकेट है. धर्म की दुहाई देकर जो धर्म अपने ही अनुयायियों या धर्मावलंबियों को जातीय आधार पर अपमानित करने, मारने-पीटने व प्रताड़ित करने की बात करने, नीच और अधम कहने की आदत सी बन गई है. उन्होंने कहा कि इसी जातीय अपमान का कड़वा घूंट जहां एक ओर दिल्ली जगन्नाथ मंदिर में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पीना पड़ा वहीं दूसरी ओर पूर्व में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी राजस्थान के पुष्कर के ब्रह्म मंदिर में इसी जातीय अपमान का दंश झेलना पड़ा। धर्म और जाति के आधार पर जब तक भेदभाव पूर्ण व्यवहार 95 फीसदी दलित, आदिवासी और पिछड़े हिंदू अनुयायियों के साथ होता रहेगा तब तक धर्मांतरण भी चलता रहेगा.
धर्मांतरण के पीछे अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट नहीं अपितु मंदिरों में बैठे हुए पंडे-पुजारियों, धर्मचारियों का गठजोड़ व सिंडिकेट है। धर्म की दुहाई देकर जो धर्म अपने ही अनुयायियों या धर्मावलंबियों को जातीय आधार पर अपमानित करने, मारने-पीटने व प्रताड़ित करने की बात करने, नीच व अधम कहने की…
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) June 28, 2023
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे कहा कि, बीजेपी सरकार यदि सही मायने में धर्मांतरण रुकवाना चाहती है तो जाति धर्म के नाम पर अपमानित करना बंद करें और तथाकथित मनगढ़ंत धार्मिक पुस्तकों में उल्लिखित अपमानजनक तथ्यों को संशोधित और प्रतिबंधित कराये, अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट पर दोष मढ़ने के बजाय मंदिरों में चल रहे पंडे-पुजारियों व धर्माचार्यों के गठजोड़ व सिंडीकेट को खत्म कराये। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस ट्वीट के बाद एक बार फिर घमासान मचना तय है.