तहव्वुर राणा ने इलाज और मुकदमे की लंबाई पर जताई चिंता
तहव्वुर राणा की कोर्ट में पेशी के बाद उसने अपने वकीलों से बातचीत की. तहव्वुर ने राणा से पूछा कि क्या उसका मुकदमा एक साल में खत्म हो जाएगा.

मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को जब गुरुवार देर रात दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया तो उसके चेहरे पर चिंता साफ नजर आई. सूत्रों के अनुसार, राणा ने अपने वकीलों से पूछा कि क्या उसका मुकदमा एक साल में खत्म हो जाएगा, जिस पर उन्हें जवाब मिला कि नहीं. वकीलों ने बताया कि केवल चार्जशीट दाखिल करने में ही एक साल लग सकता है और पूरा मुकदमा चाहे तेज़ ही क्यों न हो पांच से दस साल तक चल सकता है.
राणा ने विशेष घबराहट के नहीं दिए संकेत
पाकिस्तानी सेना का पूर्व अधिकारी रह चुका राणा कोर्ट में भूरे रंग के कैदी के कपड़े, चश्मा, क्रॉक्स और सफेद दाढ़ी में नजर आया. उम्र और बीमारी की वजह से वह कमजोर और थका हुआ दिख रहा था. बताया गया कि उसे पेट, आंत और साइनस से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हैं. कोर्ट में पेशी के दौरान राणा ने किसी विशेष घबराहट के संकेत नहीं दिए, लेकिन अमेरिकी कानून की तर्ज़ पर उसने “फिफ्थ” यानी चुप रहने के अधिकार के बारे में पूछा. इस पर वकीलों ने बताया कि भारतीय कानून में भी आत्म-आरोपण से बचाव का प्रावधान है.
राणा को दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दो वकील पियूष सचदेवा और लक्ष्य धीर प्रदान किए गए हैं. उसे अदालत में रात 10:30 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया गया. राणा ने एनआईए अधिकारियों से बातचीत में सामान्य व्यवहार किया, लेकिन उसने उनके द्वारा दिए गए फल खाने से इनकार कर दिया.
नामजद आतंकियों से राणा के संबंध
सरकारी पक्ष ने अदालत से कहा कि राणा का मामला गंभीर है, क्योंकि उसके संबंध नामजद आतंकियों से रहे हैं. एनआईए ने बताया कि पूछताछ में नए खुलासे हो सकते हैं. इसलिए उसे 20 दिन की हिरासत दी जाए. कोर्ट ने 18 दिन की हिरासत मंजूर की. साथ ही निर्देश दिया कि राणा को हर 48 घंटे में मेडिकल जांच दी जाए. कोर्ट ने यह भी तय किया कि वह अपने वकील से हर दूसरे दिन मुलाकात कर सकेगा और केवल सॉफ्ट-टिप पेन का इस्तेमाल कर पाएगा.
राणा की चिंता यह भी रही कि वह पहले ही 10 साल जेल में बिता चुका है और अमेरिका में उसे आरोपों से बरी किया जा चुका है. एनआईए ने आश्वस्त किया कि उसे आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.


