तहव्वुर राणा को कौन लाया – मोदी जी या कांग्रेस? अब क्रेडिट पर छिड़ी है जंग! दिग्विजय सिंह का बयान आया सामने
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है, लेकिन अब इस पर राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस का कहना है कि ये सब उनकी सरकार की मेहनत का नतीजा है, वहीं इसे अपनी कामयाबी बता रही है. असली सवाल ये है – सच में किसका है ये क्रेडिट? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर!

Tahawwur Rana Extradition: 26/11 मुंबई हमलों का नाम आते ही हर हिंदुस्तानी के दिल में आज भी दर्द और गुस्सा भर जाता है. उस हमले के कई आरोपी अब तक कानून के शिकंजे में आ चुके हैं और अब एक और नाम – तहव्वुर राणा – को अमेरिका से भारत लाकर पूछताछ की जा रही है. लेकिन इसी बीच इस पर सियासी संग्राम भी छिड़ गया है. कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही पार्टियां इस पर अपना-अपना दावा ठोक रही हैं कि इसे भारत लाने का श्रेय किसे मिलना चाहिए.
कांग्रेस बोली – हमने डाला था तहव्वुर का नाम जांच में
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने का रास्ता कांग्रेस सरकार ने ही तैयार किया था. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ये काम यूपीए सरकार के समय शुरू हुआ था, जब राणा का नाम सही वक्त पर जांच में डाला गया और उसके खिलाफ कार्रवाई की जमीन बनी. दिग्विजय सिंह ने कहा, 'इसकी शुरुआत कांग्रेस सरकार ने की थी, मोदी जी को इसका कोई श्रेय नहीं जाता.'
चिदंबरम ने भी साधा निशाना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी इस मामले में बीजेपी और मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जो कुछ हो रहा है, वो यूपीए सरकार की वर्षों पुरानी मेहनत का नतीजा है. उन्होंने कहा कि फरवरी 2025 में PM मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो इसका क्रेडिट लेने की कोशिश की थी, वो सही नहीं है.
NIA की हिरासत में है तहव्वुर राणा
8 अप्रैल 2025 को अमेरिका ने तहव्वुर राणा को भारतीय एजेंसियों को सौंप दिया. उसे 10 अप्रैल को दिल्ली लाया गया. फिलहाल, एनआईए (NIA) उसकी गहन पूछताछ कर रही है. राणा फिलहाल 18 दिन की हिरासत में है. 64 साल का राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, भारत में उसके खिलाफ 10 गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं.
राजनीति ने फिर ले लिया मोड़
जहां एक ओर NIA तहव्वुर से पूछताछ में जुटी है वहीं दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियों में इसका श्रेय लेने की होड़ मची हुई है. कांग्रेस का दावा है कि अगर उनकी सरकार ने पहले से मेहनत न की होती, तो आज ये मुमकिन नहीं होता. दूसरी तरफ, बीजेपी का पक्ष भी सामने आना बाकी है.