कौन हैं आर्मस्ट्रांग की हत्या में शामिल 8 लोग? स्टालिन से किया था मुकाबला, मौत पर मायावती ने कही ये बात
Tamil Nadu BSP Leader Murder Case: शनिवार को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में बड़ा हत्याकांड हो गया. पेरंबूर इलाके में सदायप्पन स्ट्रीट में 6 अज्ञात बदमाशों ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के अध्यक्ष आर्मस्ट्रांग को घेर लिया और उनकी हत्या कर दी. पुलिस ने एक्शन लेते हुए 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं मायावती ने दुख जताते हुए दोषियों के लिए सजा की मांग की है.
Tamil Nadu BSP Leader Murder Case: तमिलनाडु में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के अध्यक्ष आर्मस्ट्रांग शनिवार शाम चेन्नई के पेरम्बूर में हत्या कर दी गई. 6 बदमाशों ने पहले उन्हें सड़क पर घेरा उसके बाद चाकू गोदकर हत्या कर दी. मामले में पुलिस भी एक्शन में आ गई है. अभी तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं BSP सुप्रीमो मायावती के करीबी नेता की हत्या पर दुख जताते हुए सरकार से मांग की है.
वारदात के बाद मौके का CCTV विडियो भी सामने आया है. इसमें 3 बाइक से आए लोग नजर आ रहे हैं. कहा जा रहा है कि छह लोगों में से चार ने फूड डिलीवरी कंपनी की टी-शर्ट पहन रखी थी. फिलहाल 8 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद आगे की जांच की जा रही है.
कौन है आरोपी?
हाई प्रोफाइल हत्या के बाद चेन्नई पुलिस ने अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनका कनेक्शन आर्कोट सुरेश गैंग के साथ जुड़ रहा है. सूत्रों के मुताबिक, हत्याकांड पुरानी रंजिश और बदले की भावना से हुआ है.अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक असरा गर्ग के अनुसार जांच के लिए 10 टीमें गठित की गई हैं. पूछताछ के बाद हत्या के पीछे के मकसद का पता लगेगा.
- पोन्नई बाला
- रामू
- थिरुवेंगदम
- थिरुमलाई
- सेल्वाराज
- मणिवन्नन
- संतोष
- अरुल
मायावती ने क्या कहा?
हत्याकांड के बाद BSP सुप्रीमो मायावती ने दुख जताया है. उन्होंने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है. मायावती ने सोशल मीडिया में लिखा 'तमिलनाडु, बहुजन समाज पार्टी (bsp) अध्यक्ष के. आर्मस्ट्रांग की चेन्नई स्थित उनके घर के बाहर हुई जघन्य हत्या अत्यंत निंदनीय है. वे पेशे से वकील थे. उनको दलितों की सशक्त आवाज के रूप में जाना जाता था. राज्य सरकार को दोषियों को दंडित करना चाहिए.'
स्टालिन से किया था मुकाबला
के. आर्मस्ट्रांग मायावती के करीबी माने जाते थे. उन्होंने एमके स्टालिन से भी चुनावी मुकाबला किया था. सबसे पहले वो 2006 के स्थानीय निकाय चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वार्ड मेंबर बने. उन्हीं दिनों चर्चा में आने के बाद वो मायावती के संपर्क में आए थे. इसके बाद वो 2011 के विधानसभा चुनाव में एमके स्टालिन के खिलाफ मैदान में उतरे हालांकि, उनको हार का सामना करना पड़ा.