Tamil Nadu: 'भारत एक और विभाजन बर्दाश्त नहीं कर सकता', राज्यपाल आरएन रवि का उदयनिधि पर कटाक्ष
Sanatana Contraversy: तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन पर दिए बयान पर अब गर्वनर आरएन रवि ने कहा कि वे अपने स्वार्थ के लिए ऐसा करते हैं. वे सनातन के मूल्यों की अपेक्षा करते हैं. सनातन अविनाशी है.
Tamil Nadu Governor RN Ravi On Sanatana: सनातन धर्म पर डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के बयान को लेकर अभी भी नाराजगी जारी है. बुधवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने उदयनिधि के बयान की कड़ी निंदा की है. आरएन रवि ने उदयनिधि स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा कि अंग्रेजों ने यही करने की कोशिश की और वे इसमें सफल भी रहे. विभाजन के बाद देश दो हिस्सों में बंट गया. भारत एक और विभाजन बर्दाश्त नहीं कर सकता.
'दुनिया आज सनातन उत्सव मना रही'
बुधवार को एक कार्यक्रम में गर्वनर आरएन रवि ने कहा, "9 और 10 सितंबर को दुनिया ने नई दिल्ली में 'सनातन उत्सव' मनाया, क्योंकि हमने जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी. भारत की मेजबानी में जी-20 शिखर सम्मेलन सनातन मूल्यों, सनातन धर्म, वसुधैव कुटुंबकम (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य) थीम के तहत पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया गया. आज दुनिया ने सनातन उत्सव मनाना शुरू कर दिया है."
'सनातन अविनाशी है'
राज्यपाल आरएन रवि ने आगे कहा, 'कुछ लोग तरह-तरह की नकारात्मक टिप्पणियां करके सनानत के विचारों और मान्यताओं को विकृत करते हैं. वे अपने स्वार्थ के लिए ऐसा करते हैं. वे सनातन के मूल्यों की अवहेलना करते हैं. हालांकि, सनातन अविनाशी है.' उन्होंने कहा, 'हमें अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागृत और सतर्क रहना होगा. अगर कोई इसे (सनातन) खत्म करने या नुकसान पहुंचाने की बात करता है, तो हमें ये महसूस करना चाहिए कि वे देश को तोड़ने के लिए एजेंडा चला रहा है.'
'भारत सनातन धर्म की उपज'
गर्वनर आरएन रवि ने कहा, "अंग्रेजों ने यही किया या करने की कोशिश की. वे भारत को तोड़ने में सफल रहे. विभाजन के बाद देश दो हिस्सों में बंट गया. भारत एक और विभाजन बर्दाश्त नहीं कर सकता. हमारा संविधान कहता है..'इंडिया दैट इज भारत'. भारत सनातन धर्म की उपज है. दुर्भाग्य से अंग्रेजों के जाने के बाद हमने नागरिकों को यह समझाने के लिए बहुत कुछ नहीं किया कि भारत क्या है."
सनातन पर उदयनिधि स्टालिन ने दिया था विवादित बयान
डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से करते हुए कहा था कि हम इसका विरोध नहीं कर सकते. उन्होंने इसे खत्म करने का आह्वान किया था.