Tamil Nadu: वर्कप्लेस के बाहर कोई भी कर्मचारी भड़ास निकाल सकता है बशरते इससे दफ्तर की इमेज पर असर न पड़ रहा हो. ये टिप्पड़ी है मद्रास हाइकोर्ट की जो कि एक फैसले के दौरान की गई. हाइकोर्ट ने कहा कि भड़ास निकालना कर्मचारियों का अधिकार है. यह फैसला तमिलनाडु ग्रामा बैंक के एक कर्मचारी की पोस्ट को लेकर सुनाया गया.
दरअसल कर्मचारी ने बैंक के एक फैसले को लेकर वॉट्सऐप पर आलोचनात्मक मैसेज भेजा था. बैंक कर्मचारी का नाम लक्ष्मीनारायण बता जा रहा है जो कि एक ट्रेड यूनियन ऐक्टिविस्ट हैं. बैंक ने लक्ष्मीनारायण की एक वॉटस्ऐप पोस्ट के लिए कार्यवाई करते हुए उनके खिलाफ मद्रास हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.
मद्रास हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने इस मामले की सुनवाई की जिसके बाद चार्ज मेमो को रद्द कर दिया गया. जस्टिस ने कहा कि वर्कप्लेस के बाहर अनौपचारिक तरीके से शेयर की गई पर्सनल बातों की जांच नहीं की जाती. उन्होंने ये भी कहा कि कोई भी कर्मचारी अपनी भड़ास निकाल सकता है. कर्मचारी के पास अधिकार है कि वह भड़ास निकाल सकता है लेकिन उससे कंपनी की इमेज को क्षति न पहुंचती हो.
जज ने इस दौरान पेगासस जैसी उन्नत तकनीक के कारण प्राइवेसी पर संभावित हमले पर भी बात की. उन्होंने कहा कि अदालतें इस माहौल से डर से सकती हैं लेकिन फिर भी ऐसी जानकारी के आधार पर आरोप नहीं बनाए जा सकते हैं. First Updated : Friday, 11 August 2023