Citizenship Amendment Act: भारत के अलग-अलग हिस्सों में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 लेकर घमासान मचा हुआ है. विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार ने इस फैसले का लगातार विरोध कर रही हैं. मोदी सरकार ने 11 मार्च को सीएए कानून को लागू कर दिया है. इस पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालियन वे बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 'सीएए विभाजनकारी और बेकार' है. सीएम स्टालिन ने मंगलवार 12 मार्च को इसे खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में CAA लागू नहीं होगा. साथ ही फन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा है.
तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने कहा कि सीएए और इसके नियम संविधान की मूल संरचना के खिलाफ हैं. उन्होंने पहले ही इसे भाजपा का विभाजनकारी एजेंडा बताया और कहा कि लोग उन्हें करारा सबक सिखाएंगे. इस कानून से कोई फायदा नहीं होने वाला है. यह भारतीय जनता के बीच सिर्फ फूट डालने का रास्ता तैयार करेगा. उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार का रुख यह है कि सीएए कानून पूरी तरह अनुचित है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए.
नागरिकता संशोधन कानून सोमवार को देश में लागू हो गया है. नागरिकता संशोधन विधेयक से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में बदलाव किए गए हैं.
नए कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. इससे भारतीय नागरिक की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस कानून कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं तो कुछ अपना नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. First Updated : Tuesday, 12 March 2024