Tejashwi Yadav: सांसद मनोज झा के समर्थन में उतरें तेजस्वी यादव, कहा- 'किसी को ठेस पहुंचाना उनका मकसद नहीं'
Tejashwi Yadav:आरजेडी सांसद मनोज झा द्वारा संसद में पढ़ी गई कविता( ठाकुर का कुंआ) को लेकर बिहार की राजनीति में घमासान छिड़ा हुआ है. सबसे पहले उनके ही पार्टी के नेता ने इस कविता को लेकर उनपर जातीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया.
Tejashwi Yadav: आरजेडी सांसद मनोज झा द्वारा संसद में पढ़ी गई कविता( ठाकुर का कुंआ) को लेकर बिहार की राजनीति में घमासान छिड़ा हुआ है. सबसे पहले उनके ही पार्टी के नेता ने इस कविता को लेकर उनपर जातीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया. वहीं अब इस मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बयान दिया है. तेजस्वी ने कहा कि उनका मतलब किसी के भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था.
उन्होंने कई जात की बात नहीं की- तेजस्वी
मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि मनोज झा सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में चुने गए हैं. जो चर्चा हो रही है कि महिला आक्षरण के समय में जो उन्होंने बात रखी थी कि ओबीसी महिलाओं को इसमें आरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए ताकि गांव की महिलाएं, पिछड़े समाज की महिलाएं, अति पिछड़े समाज की महिलाएं या अल्पसंख्यक समाज की महिलाएं इस आरक्षण का लाभ उठा सके.
#WATCH | Patna: On RJD MP Manoj Jha's remark, Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav says, "...Manoj Jha is himself a professor & was chosen as the best parliamentarian...The poem was written by Om Prakash Valmiki which he quoted...It was not related to any caste...But when BJP MP Ramesh… pic.twitter.com/cE6hOSn021
— ANI (@ANI) September 30, 2023
इसी विषय पर उन्होंने ओम प्रकाश वाल्मीकि जी के पाठ पढ़ा को दोहराया. ये उन्होंने कोई जात की बात नहीं बोली. उनका मतलब किसी के भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था बल्कि सबको बराबरी का मौका मिले.
सांसद मनोज झा ने क्या कहा?
इस मामले को लेकर जारी विवाद के बीच आरजेडी सांसद मनोज झा ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने इस कविता को पढ़ने से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि इसका मतलब किसी जाति विशेष से नहीं है, मैंने कहा कि वह ठाकुर मेरे अंदर भी हो सकता है.. वो प्रभुत्व का प्रतीक होगा. वो किसी भी जाति या धर्म में हो सकता है.
#WATCH | On his 'Thakur' remark row, RJD MP Manoj Jha says, "That poem was written by Om Prakash Valmiki... Before reading that poem, I gave a disclaimer that this is not related to any caste, I said that 'Thakur' can be inside me too... The context of that poem was to inclusion… pic.twitter.com/wC0BOiycWf
— ANI (@ANI) September 30, 2023
मनोज झा ने आगे कहा कि इस कविता को पढ़ने का मेरा मकसद था महिला आरक्षण बिल में पिछड़ों को शामिल करने की. उन्होंने कहा संसद के पटल पर मेरे द्वारा दिए गए भाषण को अगर कोई भी पूरा सुनलेगा तो वो मानेगा कि इसका किसी जाति विशेष से कोई ताल्लुक नहीं है.