Telangana Chunav Result 2023 : तेलंगाना में RRR का चला जादू, BRS की रुकी कार

Telangana Election Result 2023 : तेलंगाना में राहुल-प्रियंका ने मोर्चा संभाला था, वहीं जमीन पर रेवंत रेड्डी मेहनत कर रहे थे. रेवंत रेड्डी दो सीटों कोडांगल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं. कोडांगल उनकी पारंपरिक सीट रही है.

calender

Telangana Assembly Election Result 2023 : तेलंगाना में कांग्रेस की जीत को जादू की तरह देखा जा रहा है. इस जीत का मिलना कांग्रेस के लिए साउथ का दरवाजा खुलने जैसा है. खासतौर ये जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. तेलंगाना में RRR मैजिक चला है. RRR  मैजिक का मतबल राहुल गांधी और रेवंत रेड्डी से है. चुनावी कैंपेन के दौरान राहुल गांधी ने तेलंगाना में करीब 26 रैलियां की थीं. प्रियंका गांधी ने भी यहां पूरा जोर लगाया था. 

तेलंगाना में राहुल-प्रियंका ने मोर्चा संभाला था, वहीं जमीन पर रेवंत रेड्डी मेहनत कर रहे थे. रेवंत रेड्डी दो सीटों कोडांगल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं. कोडांगल उनकी पारंपरिक सीट रही है जबकि कामारेड्डी में उनका मुक़ाबला सीधे मुख्यमंत्री केसीआर से है. चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग साफ हो चुके हैं. मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी प्रचंड बहुमत की ओर है, वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कमल खिलने का साफ संकेत है.

राजस्थान में रिवाज नहीं बदलने से अशोक गहलोत की छुट्टी तय है, जबकि छत्तीसगढ़ में बघेल सत्ता से बेदखल होते नजर आ रहे हैं. इतने बड़े झटके के बीच कांग्रेस के लिए राहत भरी खबर दक्षिण के राज्य तेलंगाना से आई है, जहां उसे प्रचंड बहुमत मिला है. लोकसभा चुनाव के लिहाज से देखें तो ये कांग्रेस के लिए बेहद अहम जीत है. सीधे और साफ शब्दों में कहें तो तेलंगाना की जीत जादू से कम नहीं है.

तेलंगाना में कांग्रेस कैसे बनी सबसे बड़ी पार्टी?
तेलंगाना में कांग्रेस की रणनीति को राजनीतिक जानकार भी सराह रहे थे. कांग्रेस का फोकस वेलफेयर मॉडल और डेवलपमेंट मॉडल’ पर रहा और चुनावी कैंपन में इसी पर फोकस किया. कांग्रेस ने वादा किया है कि वो हर बेरोजगार युवा को 4 हजार रुपये हर महीना, महिलाओं को 2500 रुपये महीना, बुज़ुर्गों के लिए 4 हजार रुपये पेंशन और किसानों को 15 हजार रुपये सालाना देगी. इसके अलावा कांग्रेस के चुनाव प्रचार के दौरान केसीआर के कथित भ्रष्टाचार का मामला उठाया. साथ ही ये कहा जाता रहा कि उनकी बीजेपी के साथ सांठ-गांठ है. ये सारे दांव कांग्रेस के पक्ष में और बीआरएस को हार का सामना करना पड़ा.

कौन हैं रेवंत रेड्डी
रेवंत रेड्डी ने राजनीति की शुरुआत अपने छात्र जीवन से की थी. उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाले रेड्डी उस समय ABVP से जुड़े हुए थे. बाद में वो चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) में शामिल हो गए. टीडीपी के कैंडिडेट के तौर पर उन्होंने साल 2009 में आंध्र प्रदेश की कोडांगल विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. 2014 में वो तेलंगाना विधानसभा में टीडीपी के सदन के नेता चुने गए. साल 2017 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए. वह 2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में हार गए. विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में मलकाजगिरि से टिकट दिया जिसमें उन्होंने महद 10 हजार के करीब वोट मिले थे. साल 2021 में कांग्रेस ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष चुना और 2023 में उन्होंने कमाल कर दिया. First Updated : Sunday, 03 December 2023

Topics :