एक बयान फिर.., CM को मांगनी पड़ी माफी, क्या बोल गए थे रेवंत रेड्डी?
Telangana CM Revanth Reddy Apologises: आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद कांग्रेस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को बीआरएस नेता के कविता को मिली जमानत पर सवाल उठाने के लिए माफी मांगी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है और कोर्ट के प्रति अपनी आस्था का जिक्र किया है. इससे पहले उन्होंने बड़ा सवाल उठाया था.
Telangana CM Revanth Reddy Apologises: तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को बीआरएस नेता के कविता को मिली जमानत पर सवाल उठाने के लिए माफी मांगी, यह कहते हुए कि उनके बयान को "संदर्भ से बाहर" निकाला गया था. रेड्डी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, "मुझे भारतीय न्यायपालिका में उच्चतम सम्मान और पूर्ण विश्वास है. मैं समझता हूं कि 29 अगस्त, 2024 को कुछ प्रेस रिपोर्ट्स में मुझसे जुड़े टिप्पणियों ने यह धारणा पैदा की कि मैं माननीय अदालत की न्यायिक सूझबूझ पर सवाल उठा रहा हूं. मैं फिर से यह कहता हूं कि मैं न्यायिक प्रक्रिया का दृढ़ विश्वासी हूं.
बता दें दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने के कविता को जमानत दिया था. इसके बाद रवंत रेड्डी का बयान सामने आया था. उन्होंने के कविता को केवल 5 महीने बाद मिली जमानत की तुलना आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को 15 महीने में मिली जमानत से करते हुए सियासी सौदे का नतीजा बताया था.
क्या कहा था रेड्डी ने?
रेवंत रेड्डी ने बीआरएस नेता के कविता को केवल 5 महीने बाद मिली जमानत की तुलना आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को 15 महीने बाद मिली जमानत और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जमानत के इंतजार से की थी. उन्होंने यह भी कहा था कि कविता की जमानत बीआरएस और बीजेपी के बीच किसी सौदे का नतीजा हो सकती है. विशेष रूप से 2024 लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत में बीआरएस की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा था.
कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने रेड्डी के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी. कोर्ट ने उन्हें महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव को हाल ही में जारी एक अवमाननापूर्ण टिप्पणी नोटिस की याद दिलाई थी. जस्टिस बीआर गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कार्यपालिका और विधायिका के क्षेत्र में हस्तक्षेप से परहेज किया है. उन्हें भी न्यायिक कार्यों में हस्तक्षेप से बचना चाहिए.
रेड्डी ने और क्या कहा?
रवंत रेड्डी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मेरे प्रति लगाए आरोप मेरे बयान के संदर्भ से बाहर लिए गए हैं. मुझे न्यायपालिका और उसकी स्वतंत्रता के प्रति बिना शर्त सम्मान और उच्चतम आदर है. भारतीय संविधान और इसकी आस्थाओं में विश्वास रखने वाले व्यक्ति के रूप में मैं न्यायपालिका को सर्वोच्च सम्मान देता हूं और देता रहूंगा.