महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन के कई नेताओं ने थामा बीआरएस का दामन
सीएम केसीआर ने कहा कि “तेलंगाना में हिमालय नहीं है,लेकिन हमारा संकल्प हिमालय जैसा है”।
शनिवार 1 अप्रैल को तेलंगाना भवन में महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन के कई नेताओं ने सीएम केसीआर की मौजूदगी में बीआरएस में शामिल हुए। बीआरएस में शामिल होने वाले इन नेताओं में महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन के युवा अध्यक्ष सुधीर बिंदू, शरद मरकद, रंजीवन बोंदर, कैलाश तवर, फारेख खान समेत अन्य नेता बीआरएस पार्टी में शामिल हुए। इस अवसर पर तेंलगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि “बीआरएस का उद्देश्य किसानों को राज्य का दर्जा दिलाना है”।
सीएम ने कहा कि “अगर हमारी पार्टी महाराष्ट्र सत्ता हासिल करती है तो सत्ता में आने के दो साल के भीतर “वह महाराष्ट्र को रोशनी से जगमगाने के लिए जिम्मेदार होंगे”। उन्होंने कहा कि “उनका इरादा तेलंगाना को पूरे देश में मॉडल बनाने का है”।
सीएम केसीआर का बयान
सीएम केसीआर ने कहा कि “हमारे देश में दुनिया में सबसे ज्यादा कृषि योग्य जमीन है”। उन्होंने कहा कि “देश में कुल 83 करोड़ एकड़ भूमि में से 41 करोड़ एकड़ भूमि खेती के लिए उपयुक्त है”। सीएम ने कहा कि “देश में जो किसानों की समस्या है, अब उसकी लड़ाई लड़ूंगा”।
उन्होंने आगे कहा कि “किसान संगठन में इतनी ताकत है कि किसानों के लिए लड़ाई लड़ी जा सकती है”। सीएम केसीआर ने नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि “कृषि मंत्रालय के अनुसार तेलंगाना में धान की 56 लाख एकड़ में लगी है, वहीं देशभर में 94 लाख एकड़ में धान की फसल लगी हुई है”। सीएम ने कहा “तेलंगाना में विकास हुआ है और किसानों की आत्महत्या की घटाएं भी बंद हो गई है”।
हमारा संकल्प हिमालय जैसा है-सीएम केसीआर
सीएम केसीआर ने कहा कि “तेलंगाना में हिमालय नहीं है,लेकिन हमारा संकल्प हिमालय जैसा है”। उन्होंने कहा “मैं चाहता हूं कि देश के किसान देश के किसानों अहम भूमिका हो, जिससे वो देश की स्थिति को सुधारने में अपनी भूमिका निभा सकें”।
आपको बता दें कि सीएम केसीआर ने अपने संबोधन में कहा कि “आज तेलंगाना में किसानों की सभी समस्याओं का समाधान हो रहा है”। “हर किसान को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं, तो महाराष्ट्र में क्यों ऐसा नहीं हो पा रहा है? क्यों महाराष्ट्र में किसान परेशान हैं?