Telangana News : सांसद संतोष कुमार का 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' दर्ज हुआ नाम, सीएम केसीआर ने प्रदान किया सर्टिफिकेट
संतोष कुमार ने आदिलाबाद में एक घंटे में 16,900 लोगों की भागीदारी के साथ कुल 3,54,900 पौधे लगाए गए।
पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाना बहुत ही जरूर है। हर किसी को पौधारोपण करके पर्यावरण बचाने में अपना योगदान देना चाहिए। आज ग्लोबल वार्मिंग के कारण विश्व में गर्मी अधिक पड़ने लगी है। यही वजह है कि पूरे विश्व भर देश अपने यहां नए-नए पर्यावरण संरक्षण अभियान को चला रहे हैं। जिसमें लोग बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दे रहे हैं।
अब आपको बता दें कि तेलंगाना में भी कुछ ऐसा हुआ जिसका चर्चा हर तरफ हो रही हैष दरअसल तेलंगाना के ग्रीन इंडिया चैलेंज (जीआईसी) के संस्थापक और राज्यसभा सांसद जे संतोष कुमार को ने बहुत ही कम समय में सबसे ज्यादा पौधारोपण करने का रॉकॉर्ड बना लिया है। उनकी इस उपलब्धि से प्रदेश की जनता बहुत ही खुश है। आपको बता दें इसके लिए उनका नाम 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में दर्ज हो गया है।
सीएम केसीआर ने दी बधाई
मंगलवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने संतोष कुमार को इसके खास उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही सीएम कसीआर ने उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का सर्टिफिकेट प्रदान किया। आपको बता दें कि संतोष कुमार ने केवल एक घंटे के अंदर 3.5 लाख से अधिक पौधे लगाए। उनकी इस पहल की तारीफ हर कोई कर रहा है।
लिम्का बुक रिकॉर्ड्स की संपादक का बयान
संतोष कुमार को लेकर लिम्का बुक रिकॉर्ड्स की संपादक वत्सला कौल बनर्जी ने कहा कि “संतोष कुमार को केवल एक घंटे के समय में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करने के लिए सामाजिक सेवा में पुरस्कार के लिए चुना गया है”।
उन्होंने आग कहा कि “जीआईसी के हिस्से के रूप में, 4 जुलाई, 2021 को दुर्गा नगर, आदिलाबाद में एक घंटे में 16,900 लोगों की भागीदारी के साथ कुल 3,54,900 पौधे लगाए गए”।
संतोष कुमार का बयान
इस अवसर पर संतोष कुमार ने कहा कि “जीआइसी को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान दिलाने और मुख्यमंत्री के हाथों से प्रमाण पत्र प्राप्त करने से जिम्मेदारी और बढ़ गई है”। उन्होंने बताया कि आदिलाबाद के विधायक जोगू रमन्ना रिकॉर्ड हासिल करने का मुख्य कारण थे”।
“हमारे मुख्यमंत्री की प्रेरणा से, आदिलाबाद विधायक ने अपने जन्मदिन पर जीआईसी के हिस्से के रूप में पौधे लगाने का निर्णय लिया और एक घंटे के भीतर 3.5 लाख से अधिक पौधे लगाए”। रमन्ना और उनके अनुयायियों के प्रयास उल्लेखनीय हैं।