टेरर कैबिनेट का आदेश, मसूद अजहर एक्टिव और TRF का हमला...समझिए पहलगाम अटैक की पूरी क्रोनोलॉजी
पहलगाम आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की मौत के पीछे पाकिस्तान की गहरी साजिश उजागर हुई है. मसूद अजहर फिर सक्रिय है, PoK में टेरर कैबिनेट का गठन हुआ है और TRF ने हमले की जिम्मेदारी ली है. हमलावरों को पाकिस्तान से लॉजिस्टिक सपोर्ट और आदेश मिले थे.

कश्मीर घाटी एक बार फिर आतंकी साजिशों की आग में झुलस गई है। पहलगाम के बायसरन में हुए भीषण आतंकी हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई. यह हमला सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं, बल्कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी नेटवर्क की महीनों की तैयारी और रणनीतिक साजिश का हिस्सा है। इस हमले में शामिल आतंकियों को सीमा पार से न सिर्फ ट्रेनिंग मिली, बल्कि हाई-टेक कम्युनिकेशन डिवाइस और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी मुहैया कराया गया.
इस पूरे हमले की पटकथा पाकिस्तान में बैठी टेरर कैबिनेट, मसूद अजहर की सक्रियता और जैश-ए-मोहम्मद की विस्तार योजना के इर्द-गिर्द बुनी गई थी. लश्कर के फ्रंट संगठन TRF ने हमले की जिम्मेदारी ली है. अब हम आपको समझाते हैं इस हमले की पूरी क्रोनोलॉजी:
मसूद अजहर फिर हुआ एक्टिव
जुलाई 2024 में खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में दोबारा सक्रिय हो गया है. उसे बहावलपुर में एक शादी समारोह में हिस्सा लेते और कश्मीर व फिलिस्तीन पर भड़काऊ भाषण देते देखा गया. यह वही आतंकी है जिसे पहले बीमार या मृत बताया गया था, लेकिन वह खुलेआम भाषण देता पाया गया.
POK में हुई टेरर कैबिनेट की बैठक
अगस्त 2024 में खुफिया रिपोर्ट्स में सामने आया कि POK में जैश, हिजबुल और अल बद्र जैसे आतंकी संगठनों ने मिलकर एक नई 'टेरर कैबिनेट' बनाई है. इस कैबिनेट का मकसद था भारत में आतंक फैलाने के लिए साजिशों की प्लानिंग, आतंकी भर्ती, फंडिंग, हथियारों की सप्लाई और घुसपैठ को संगठित करना.
लखवी और जैश का विस्तार
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी अबू वासी के नाम से लाहौर की सड़कों पर खुलेआम घूम रहा है. वहीं, जैश-ए-मोहम्मद ने बहावलपुर में अपने हेडक्वार्टर को दोगुना से भी ज्यादा विस्तार दिया है. सैटेलाइट तस्वीरों से पुष्टि हुई है कि 'जामिया मस्जिद सुभानल्लाह' का आकार 18 एकड़ तक बढ़ गया है। यह सब तब हुआ जब पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आया.
TRF ने संभाली जिम्मेदारी
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही फ्रंट संगठन है। खुफिया एजेंसियों को घटनास्थल से हाई एंड कम्युनिकेशन डिवाइस मिले हैं, जिससे स्पष्ट है कि आतंकियों को POK और कराची से निर्देश मिल रहे थे.
हथियार और ट्रेनिंग का लिंक पाकिस्तान से
हमले में जिन हथियारों का इस्तेमाल हुआ, वह मिलिट्री ग्रेड थे और यह भी संकेत मिला है कि आतंकी पूरी तरह प्रशिक्षित थे. इसके अलावा संदिग्ध आतंकियों के डिजिटल कनेक्शन POK के मुजफ्फराबाद और कराची के 'सेफ हाउस' से मिले हैं. हालांकि पाकिस्तान ने किसी भी भूमिका से इनकार किया है, लेकिन सबूत कुछ और ही कहानी कह रहे हैं.


