TERRORIST ATTACK : NIA की जांच शुरू, अब स्लीपर सेल की जगह OGW बना रही आईएसआई

पुंछ में आर्मी के वाहन पर हमला करने वाले आतंकियों की तलाश की जा रही है। आतंकी घुसपैठ करके यहां पहूंचे और माना जा रहा है कि ये जंगल में ही छिप हो सकते हैं

Naveen Gupta
Edited By: Naveen Gupta

TERRORIST ATTACK : पुंछ में हुए आतंकी हमले के बाद शुकवार दोपहर NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने जांच शुरू कर दी है। हमले के बाद सेना के कई टीमों ने घटनास्थल पर जाकर जांच की और लोगों से बात की। जहां ये घटना हुई पुंछ से 90 किमी दूर और एलओसी से करीब 8 किमी दूर है। खुफिया सूत्रों को यहां पाकिस्तानी आतंकियों की मौजूदगी के इनपुट्स भी मिले हैं। सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और जांच कर रही है। सेना यहां तलाशी अभियान भी चला सकती है। खुफिया सूत्रों को इनपुट मिले हैं कि LOC  के पास वाले एरिया में आईएसआई अपने नापाक मंसूबों के लिए OGW (ओवर ग्राउंड वर्कर) तैयार कर रही है। पुंछ में हुए अटैक में इसी नेटवर्क का इस्तेमाल किए जाने की आशका है।

 

रेकी के बाद हमला

ये हमला गुरुवार शाम उस समय हुआ जब जवानों का ये ट्रक भिंबर गली से पुंछ की तरफ जा रहा था। नॉर्दन कमांड ने बताया बारिश के कारण विजिबिलिटी काफी कम थी। आतंकियों ने इसी का फायदा उठाया। आतंकियों ने पहले ट्रक पर स्वचालित हथियारों से गोलियां चलायी। जवानों ने मोर्चा संभालने की कोशिश की तो ट्रक पर ग्रेनेड फेंक पर फरार हो गए। इससे ट्रक में आग लग गई । पांच जवान शहीद हो गए और एक जवान की हालत गंभीर है। पंजाब के 4 शहीद जवानों में जिला गुरदासपुर के सिपाही हरकृष्ण सिंह, लुधियाना के हवलदार मनदीप सिंह, मोगा के लांसनायक कुलवंत सिंह और बठिंडा के सिपाही सेवक सिंह शामिल है। पांचवां जवान देबाशीष बसवाल उड़ीसा से है। सभी जवान राष्ट्रीय राइफल यूनिट से थे। घायल जवान ने बताया कि हमला करने वाले आतंकियों की संख्या सात थी। हमला राकेट प्रोपेल्ट ग्रेनेड का उपयोग किए जाने के संकेत हैं। इसमें कुछ स्थानीय लोग भी शामिल हो सकते हैं।

 

घुसपैठ करके जंगल में पनाह ली

जिस तरह से हमले को अंजाम दिया गया, उससे लग रहा है कि कुछ दिन पूर्व घुसपैठ करके रैकी की गई ओर उसके बाद हमला किया है। जहां ये हमला किया वह स्थान POK (पाक अधिकृत कश्मीर) से 8 किमी ही दूर है। सूत्रों का कहना है कि घुठपैठ करके पनाह लेने के बाद सैन्य वाहनों की मूवमेंट पर नजर रखी गई। पूरी तरह रैकी करने के बाद हमले के लिए उस समय को चुना, जब क्षेत्र में तेज बारिश हो रही थी और विजिबिलिटी भी कम थी। इस अवस्था में बचकर भाग निकलने के चांस ज्यादा थे। घटनास्थल के दोनों तरफ घना जंगल है। हमले के बाद आतंकियों के जंगल में ही छिपे होने की आशंका है। क्योंकि अटैक के बाद सीमा पर चौकसी तेज कर दी गई थी तो इस हालत में वापस पाकिस्तान बच निकलना मुश्किल ही है।

 

घाटी में भाग सकते हैं आतंकी

हमले के बाद तय हैं कि आतंकी पनाह लेने के लिए घाटी का रूख करेंगे। जंगल छिपने के लिए अनुकूल है, लेकिन सेना ने भी इस इलाके में वाहनों की आवाजाही बंद कराकर डाग, हेलीकाप्टर और ड्रोन से आतंकियों की तलाश तेज कर दी है। इससे ज्यादा दिन तक जंगल में छिपा रहना संभव नहीं है।

 

घाटी में सख्ती तो अब ओवर ग्राउंड नेटवर्क का सहारा

घाटी में बदले हालातों के बीच आतंकियों ने पुंछ और राजौरी से लगते इलाकों में अपना मूवमेट जारी रखने की कोशिश की है। पाकिस्तान और आईएसआई एलओसी के पास अपना नेटवर्क मजबूत करने के मंसूबे रच रहे हैं। आईएसआई चाहती है कि इस इलाके में नेटवर्क मजबूत होगा तो आतंकी घुसपैठ करके इलाके में पहुंच जाएंगे इसके बाद पनाह तो मिलेगी ही। साथ ही सूचना भी मिलती रहेगी। घाटी में शांति के बाद एकाएक पुंछ में हमला यही दर्शाता है। आईएसआई ने घाटी में स्लीपर सेल की पूरी खेप तैयार की थी। वारदात को अंजाम देने के बाद ये लोग आम लोगों में शामिल हो जाते थे। स्थानीय होने के कारण इनको पकड. पाना चुनौती था। बदले हालातों के बीच घाटी में स्लीपर सेल बनाना कठिन हो गया तो पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने LOC के आसपास OGW (ओवर ग्राउंड वर्कर)  बनाने की साजिश की है। इस हमले में भी कुछ OGW के शामिल होने की बात सामने आ रही है।  

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21 April 2023, 02:15 PM IST

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