Emergency: "भाईयों और बहनों, राष्ट्रपति जी ने आपातकाल की घोषणा कर दी है; किसी को भी डरने की जरूरत नहीं हैं"

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहा जाता है। लोकतंत्र में माना जाता है कि जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा किए जाने वाले शासन है। जनता इसके लिए अपने प्रतिनिधि को चुनती है जो कि जनता से ताकत लेकर पूरे देश को चलाता है।

Shweta Bharti
Edited By: Shweta Bharti

हाइलाइट

  • राजनारायण का आरोप था कि इंदिरा गांधी ने चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है।

आजादी के करीब 28 साल बाद ही देश को  प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के फैसले के कारण आपातकाल से गुजरना पड़ा 25 जून की रात को आपातकाल के आदेश पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के दस्तखत के साथ देश में आपातकाल लागू किया था। अगले दिन जब समूचे देश ने रेडियो पर इंदिरा गांधी की आवाज सुनी जिसमें उन्होंने कहा कि भाईयों और बहनों, राष्ट्रपति जी ने आपातकाल की घोषणा की है। साथ ही कहा कि इससे किसी को भी डरने की जरूरत नहीं हैं।

आपातकाल की घोषणा करने का कारण

1971 में लोकसभा चुनाव हुआ था। जिसमें उन्होंने अपने मुख्य प्रतिद्वंदी राजनारायण को पराजित किया था। चार साल बाद राजनारायण ने हाईकोर्ट में चुनाव परिणाम को चुनौती दी। 12 जून को इंदिरा गांधी का चुनाव निरस्त कर दिया गया साथ ही 6 साल तक चुनाव लड़ने का प्रतिबंध लगा दिया और श्रीमती गांधी के चिर प्रतिद्वंदी राजनारायण सिंह को चुनाव में विजयी घोषित कर दिया। 

क्यों बौखला गईं इंदिरा गांधी 

राजनारायण का आरोप था कि इंदिरा गांधी ने चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है साथ ही तय सीमा से अधिक पैसा खर्च किए हैं। इसके साथ ही मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए गलत तरीके इस्तेमाल किए गए हैं। अदालत ने इन आरोपों को सही ठहराया, लेकिन उसके बावजूद भी इंदिरा गांधी ने इस्तीफा नहीं दिया।

तब काग्रेस पार्टी ने बयान जारी किया और कहा कि इंदिरा गांधी का नेतृत्व पार्टी के लिए अपरिहार्य है। उसी दौरान गुजरात में चिमनभाई पटेल के विरुद्ध विपक्षी जनता मोर्चे को भारी विजय मिली । इस बात से इंदिरा गांधी बौखला गईं और अदालत के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की घोषणा को और 25 जून को आपातकाल लागू करने की घोषणा कर दी गई।

आपातकाल के चलते कितने लोग गए जेल?

आपातकाल की घोषणा करने के बाद नकारात्मक असर पूरे समाज पड़ा । सभी विरोधी दलों के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। सरकार ने मेंटेनंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत नेताओं को बंदी बनाकर जेल भेजा गया। जिसमें मोमरा जी देसाई, अटल बिहारी बाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडीज और जय प्रकाश नारायण शामिल थे।

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25 June 2023, 10:50 AM IST

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