भारत का वो राज्य जहां नहीं लगता इनकम टैक्स! हैरान कर देगी वजह
Budget 2025: भारत में जहां आम नागरिकों को अपनी आय पर टैक्स चुकाना पड़ता है, वहीं एक राज्य ऐसा भी है जहां के निवासियों को इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट मिली हुई है. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों इस राज्य के लोगों को यह अनोखी छूट दी गई है.

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. पहले यह सीमा 7 लाख रुपये तक थी. इस फैसले से देश के करोड़ों करदाताओं को राहत मिलेगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का एक राज्य ऐसा भी है जहां के लोगों को पहले से ही कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता?
यह राज्य कोई और नहीं, बल्कि सिक्किम है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनोखी कर नीति के लिए जाना जाता है. यह भारत का एकमात्र राज्य है जहां के निवासियों को इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट प्राप्त है. आइए जानते हैं इसकी खास वजह...
इनकम टैक्स से पूरी तरह मुक्त राज्य
भारत में आमतौर पर केंद्र और राज्य सरकारें इनकम टैक्स वसूलती हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है. लेकिन सिक्किम के नागरिकों को भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10(26AAA) के तहत आयकर से छूट दी गई है. इसका मतलब है कि सिक्किम के निवासी अपनी आय पर कोई टैक्स नहीं देते.
क्यों दी गई सिक्किम को यह छूट?
1975 में जब सिक्किम का भारत में विलय हुआ, तब भारत सरकार ने वहां के नागरिकों को आश्वासन दिया था कि उनकी पुरानी कर प्रणाली बरकरार रखी जाएगी. विलय से पहले सिक्किम की अपनी एक अलग कर व्यवस्था थी, जिसमें वहां के नागरिकों को भारतीय इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ता था. इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने सिक्किम कर अधिनियम को रद्द कर धारा 10(26AAA) लागू कर दी, जिससे सिक्किम के निवासियों को दोबारा इनकम टैक्स से छूट मिल गई.
कौन लोग उठा सकते हैं इस छूट का लाभ?
सिक्किम के वे निवासी जो भारत में विलय से पहले (26 अप्रैल 1975 से पहले) वहां रह रहे थे, उन्हें इनकम टैक्स से छूट दी गई है. यह छूट सिर्फ उन लोगों को मिलती है जिनकी आय सिक्किम से ही होती है. इसमें शामिल हैं-
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नौकरीपेशा लोग
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व्यापारी
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संपत्ति से होने वाली आय
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लाभांश और ब्याज से होने वाली आय
अनुच्छेद 371(f) के तहत विशेष दर्जा
सिक्किम को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371(f) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है. इस अनुच्छेद के तहत सिक्किम के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अधिकारों की रक्षा की जाती है. इसी के तहत राज्य को आयकर छूट दी गई है, जिससे वहां के नागरिकों की आर्थिक स्वतंत्रता बनी रहती है.
क्या अन्य नागरिकों को भी यह छूट मिल सकती है?
एसोसिएशन ऑफ ओल्ड सेटलर्स ऑफ सिक्किम (AOSS) ने इस कर छूट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि 1975 से पहले सिक्किम में बसे अन्य भारतीय नागरिकों को भी इस छूट का लाभ मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया कि जो लोग 26 अप्रैल 1975 से पहले सिक्किम में रह रहे थे, वे भी इनकम टैक्स में छूट के हकदार होंगे.