भारत की वो स्टेशन, जहां नहीं रुकती एक भी ट्रेन, जानें वजह
Indian railway: भारत में कई अनोखे रेलवे स्टेशन हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के सिंघाबाद रेलवे स्टेशन की कहानी अलग है. यह स्टेशन पूरी तरह चालू होने के बावजूद यहां एक भी यात्री ट्रेन नहीं रुकती. भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित यह स्टेशन केवल मालगाड़ियों के लिए उपयोग होता है, जिससे यह रणनीतिक रूप से तो महत्वपूर्ण है, लेकिन यात्रियों के लिए सुनसान बना हुआ है.

Indian railway: भारत में रेलवे का विशाल नेटवर्क है, जहां लाखों यात्री रोजाना सफर करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है जहां एक भी यात्री ट्रेन नहीं रुकती? यह स्टेशन पूरी तरह से चालू होने के बावजूद सुनसान रहता है. हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में स्थित सिंघाबाद रेलवे स्टेशन की, जो भारत-बांग्लादेश सीमा के करीब स्थित है. इसका उपयोग केवल मालगाड़ियों के लिए होता है, जबकि यात्री ट्रेनों के लिए यह स्टेशन निष्क्रिय बना हुआ है.
सिंघाबाद रेलवे स्टेशन का इतिहास काफी पुराना और दिलचस्प है. ब्रिटिश शासन के दौरान यह एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन था, जो कोलकाता और ढाका को जोड़ता था. आज यह स्टेशन महज इतिहास की गवाही देता है, जहां प्लेटफॉर्म वीरान पड़े हैं और टिकट खिड़कियां बंद रहती हैं.
सिंघाबाद का ऐतिहासिक महत्व
ब्रिटिश काल में स्थापित सिंघाबाद रेलवे स्टेशन व्यापार और यात्रा का एक महत्वपूर्ण केंद्र था. यह स्टेशन कोलकाता से ढाका जाने वाली ट्रेनों का एक अहम पड़ाव हुआ करता था. महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसे कई दिग्गज नेता इस मार्ग से यात्रा कर चुके हैं. 1947 में भारत के विभाजन के बाद इस स्टेशन का सामरिक महत्व और बढ़ गया, क्योंकि यह भारत और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के बीच रेल संपर्क बनाए रखने का मुख्य माध्यम बना.
भारत-बांग्लादेश रेल व्यापार में अहम भूमिका
1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद, इस स्टेशन का उपयोग यात्रियों के बजाय मालगाड़ियों के लिए किया जाने लगा. 1978 में भारत और बांग्लादेश के बीच एक द्विपक्षीय समझौते के तहत यहां से मालगाड़ियों को गुजरने की अनुमति दी गई. 2011 में इस समझौते में संशोधन किया गया, जिसके बाद सिंघाबाद रेलवे स्टेशन भारत, बांग्लादेश और नेपाल के बीच व्यापारिक ट्रांजिट पॉइंट बन गया. अब यह स्टेशन यात्रियों के लिए नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक गतिविधियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.
अब सुनसान पड़ा है स्टेशन
सिंघाबाद रेलवे स्टेशन अब अपने सुनहरे अतीत से बहुत अलग हो चुका है. कभी व्यस्त रहने वाला यह स्टेशन अब वीरान पड़ा रहता है. टिकट खिड़कियां बंद हैं, प्लेटफॉर्म खाली हैं, और केवल कुछ रेलवे कर्मचारी ही इसकी देखरेख करते हैं. हालांकि, अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण यह भविष्य में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
क्या भविष्य में फिर दौड़ेंगी यात्री ट्रेनें?
वर्तमान में यह स्टेशन केवल मालगाड़ियों के लिए उपयोग होता है, लेकिन भविष्य में इसे फिर से यात्री ट्रेनों के लिए खोलने की संभावनाएं बनी हुई हैं. यदि भारत-बांग्लादेश के बीच यात्री ट्रेनों का कोई नया समझौता होता है, तो यह स्टेशन फिर से अपनी पुरानी रौनक वापस पा सकता है.